कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह केवल धनखड़ के आचरण की बात नहीं है, बल्कि उस पद की गरिमा की बात है जिसे उन्होंने संभाला था. श्रीनेत ने कहा कि यह भारत के इतिहास में पहली बार हुआ है जब एक मौजूदा उपराष्ट्रपति ने कार्यकाल के बीच में इस्तीफा दिया है. यह असामान्य और अभूतपूर्व घटना है. उन्होंने कहा कि BJP और प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया से साफ झलकता है कि यह इस्तीफा असम्मानजनक और अचानक था. इससे देश एक अनावश्यक संवैधानिक संकट में फंस गया है.
कांग्रेस का आरोप – लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमलासुप्रिया श्रीनेत ने BJP पर लगातार संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाया. उन्होंने लिखा कि पहले नोटबंदी के बाद RBI गवर्नर उर्जित पटेल का इस्तीफा, फिर चुनाव आयुक्त अशोक लवासा का इस्तीफा और अब उपराष्ट्रपति का इस्तीफा - ये सभी घटनाएं गंभीर संकेत देती हैं. श्रीनेत ने कहा कि इस पूरे मामले में पारदर्शिता की कमी चिंताजनक है और यह भारत के लोकतंत्र के लिए एक बुरा संकेत है. संस्थाओं को कमजोर करना और सवालों से बचना BJP की रणनीति बन चुकी है.
सुप्रिया श्रीनेत का तंज – 'दूसरों को खुश करने का नतीजा'कांग्रेस नेता और पार्टी की सोशल मीडिया एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म टीम की अध्यक्ष सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जो व्यक्ति अपने संवैधानिक कर्तव्यों से अधिक दूसरों को खुश करने में लग जाता है, उसका अंजाम सबके सामने है. इंदौर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में श्रीनेत ने कहा कि उन्हें इस्तीफे की असली वजह नहीं पता, लेकिन तस्वीर उतनी साफ नहीं है जितनी भाजपा दिखाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने संकेत दिया कि इस प्रकरण में कई परतें हैं जो समय के साथ सामने आएंगी.
विपक्ष के अपमान का नतीजा सामने आया- श्रीनेतकांग्रेस प्रवक्ता ने धनखड़ के कार्यकाल को लेकर कहा कि जिस तरह से विपक्ष की आवाज को दबाया गया और संविधान की अवहेलना की गई, वह सब देश ने देखा. आज वही व्यवहार उनके इस्तीफे के रूप में सामने आया है.