ISRO New Satellite: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार (8 फरवरी) को कहा कि वह मौसम उपग्रह इनसैट-3डीएस को 17 फरवरी को प्रक्षेपित करेगा. इसरो ने बताया कि यह उपग्रह बेहतर मौसम पूर्वानुमान और आपदा संबंधी चेतावनी देने में मदद करेगा. उपग्रह को जीएसएलवी एफ-14 के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा.


इनसैट-3डीएस उपग्रह भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित किए जाने वाले तीसरी पीढ़ी के मौसम उपग्रह का अनुवर्ती मिशन है और यह पूरी तरह से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की ओर से वित्त पोषित अभियान है. इसरो ने कहा, ‘‘जीएसएलवी-एफ14/इनसैट-3डीएस मिशन का प्रक्षेपण शनिवार 17 फरवरी को शाम 5:30 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से होगा.’’


आपदा को लेकर देगा चेतावनी


अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि उपग्रह को मौसम संबंधी बेहतर तरीके से निगरानी रखने, मौसम की भविष्यवाणी और आपदा चेतावनी के लिए भूमि और महासागर सतहों की निगरानी करने की खातिर डिजाइन किया गया है. इसने ने कहा कि उपग्रह के निर्माण में भारतीय उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.






डेटा का पता लगाकर देगा संकेत


इनसैट-3डीएस में डेटा रिले ट्रांसपोंडर (DRT) जैसे आवश्यक संचार पेलोड की सुविधा है. यह उपकरण स्वचालित डेटा संग्रह प्लेटफार्मों और स्वचालित मौसम स्टेशनों से डेटा प्राप्त करता है, जिससे मौसम के पूर्वानुमान करने की क्षमताओं में बढ़ोतरी होगी. एसएएस एंड आर ट्रांसपोंडर इस उपग्रह में शामिल एक महत्वपूर्ण घटक है.


यह बीकन ट्रांसमीटरों से संकट संकेतों और चेतावनी का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसरो के नए रॉकेट एसएसएलवी (स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) के अलावा वारहार्स पीएसएलवी को भी लॉन्च किए जाने की उम्मीद है, जिसे एक उद्योग संघ ने विकसित किया है.


उपग्रह के पेलोड में लगे हैं छह चैनल इमेजर


इनसैट-3डीएस अपने उन्नत पेलोड और संचार सुविधाओं के साथ आपदा चेतावनी को लेकर डेटा जारी कर पूर्व चेतावनी देगा. इन्हें उपग्रह के पेलोड जैसे छह चैनल इमेजर, 19 चैनल साउंडर, डेटा रिले ट्रांसपोंडर (डीआरटी), और सैटेलाइट एडेड सर्च एंड रेस्क्यू ट्रांसपोंडर (एसएएस एंड आर) के माध्यम से हासिल किया जाएगा.


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