ISKCON Monk Amogh Lila Das: कृष्ण चेतना के लिए इंटरनेशनल सोसाइटी (ISKCON) ने अपने एक संत अमोघ लीला दास पर एक महीने के लिए बैन लगा दिया है. इस्कॉन ने इस मामले में एक बयान जारी करते हुए कहा, ''अमोघ लीला दास के बयान से हम काफी आहत हैं और यह बयान अनुचित है. इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता. यही वजह है कि अमोघ दास लीला पर एक महीने के लिए बैन लगाया गया है.'' 


क्या है पूरा मामला?
दरअसल, अमोघ दास लीला ने स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस को लेकर विवादित टिप्पणी की. उन्होंने कहा, ''अगर स्वामी विवेकानंद मछली खाएं तो क्या वो एक सिद्ध पुरूष हैं? क्योंकि कभी कोई सिद्ध पुरूष मछली नहीं खाएगा क्योंकि मछली को भी दर्द होता है. सिद्ध पुरूष के दिल में करूणा होती है. इतना ही नहीं अमोघ दास लीला ने यहां तक कह दिया कि स्वामी विवेकानंद की कुछ चीजें स्वीकार्य नहीं हैं.'' इसके अलावा ऐसे ही उन्होंने रामकृष्ण परमहंस को भी निशाना बनाया. अमोघ दास लीला के इस बयान के बाद बहस छिड़ गई, जिसके बाद इस्कॉन ने ये फैसला लिया. 


कौन है अमोघ दास लीला
जानकारी के मुताबिक, अमोघ दास लीला लखनऊ के एक धार्मिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं. कई इंटरव्यू के दौरान वो बता चुके हैं कि उन्होंने कम उम्र में आध्यात्मिक यात्रा शुरू कर दी थी. जब वो साल 2000 में 12वीं कक्षा में थे, तब उन्होंने भगवान की तलाश में अपना घर छोड़ दिया. हालांकि, उन्होंने वापस आकर सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने का फैसला किया.


साल 2004 में उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और उसके बाद उन्होंने अमेरिका के एक मल्टीनेशनल कॉरपोरेशन के लिए काम करना शुरू कर दिया. साल 2010 में कॉर्पोरेट वर्ल्ड को छोड़ने के फैसले से पहले उन्होंने प्रोजेक्ट मैनेजर का पद भी संभाला था. 29 साल की उम्र में वो इस्कॉन में शामिल हो गए और कृष्ण ब्रह्मचारी बन गए. इंजीनियर से संत बने अमोघ दास लीला को सोशल मीडिया पर कई लोग फॉलो करते हैं. 


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