दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव, बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ IRCTC घोटाला मामले में आरोप तय कर दिए हैं. लालू फैमिली पर आए कोर्ट के इस फैसले पर बीजेपी का पहला रिएक्शन आया है. बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि बिहार की जनता कभी भी भ्रष्ट आरजेडी और कांग्रेस को नहीं चुनेगी.
प्रदीप भंडारी ने X पर पोस्ट कर कहा, 'लालू यादव और तेजस्वी यादव के खिलाफ अदालत ने भ्रष्टाचार, आपराधिक षडयंत्र और धोखाधड़ी के आरोप तय किए हैं! लालू यादव और तेजस्वी यादव ने बिहार में गरीबों की जमीन छीनकर परिवारिक ज़मीन बढ़ाई. बिहार के युवाओं को लालू यादव और तेजस्वी यादव के भयावह भ्रष्टाचारी इरादों के बारे में जानकारी होनी चाहिए. बिहार की जनता कभी भी भ्रष्ट आरजेडी और कांग्रेस को नहीं चुनेगी.'
कोर्ट ने आदेश में क्या कहा?
राऊज एवेन्यू कोर्ट ने माना कि लालू यादव के रेलमंत्री रहते हुए उनकी जानकारी में ही इस घोटाले की साजिश रची गई. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में आरोपी भी पूरी तरह साजिश में शामिल थे. लालू यादव के परिवार को इस मामले में फायदा पहुंचा और कॉन्ट्रैक्ट देने के बदले में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को बहुत ही कम कीमत पर जमीन मिली.
लालू फैमिली पर किन धाराओं में केस दर्ज?
इस मामले में कोर्ट ने लालू यादव फैमिली के खिलाफ IPC 420, IPC 120B, प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2) और 13 (1)(d) के तहत आरोप लगाएग हैं. बता दें कि प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2) और 13 (1)(d) सिर्फ लालू यादव पर लगी है क्योंकि उन्होंने सरकारी पद पर रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया है.
क्या था IRCTC घोटाला केस?
लालू यादव जब 2004 से 2009 के बीच रेलमंत्री थे तो IRCTC के दो होटलों BNR रांची और BNR पुरी के रखरखाव के ठेके अवैध तरीके से दिए गए. आरोप है कि ये कॉन्ट्रैक्ट लालू से जुड़ी एक बेनामी कंपनी के जरिए हासिल की गई तीन एकड़ कीमती जमीन के बदले में दिए गए थे.