नई दिल्ली: हरियाणा के करनाल लघु सचिवालय के बाहर किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी. अब चार दिन बाद इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध हटा दिया गया है. यहां इंटरनेट सेवा एक बार फिर चालू हो गई है. इंटरनेट बंद होने से यहां स्थानीय निवासी, दुकानदारों और व्यापारियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था. वह न कोई मैसेज भेज पा रहे थे, न कोई मैसेज मिल पा रहा है और न ही पैसों का लेनदेन हो रहा था.


हरियाणा के 5 जिलों करनाल, जींद, पानीपत, कैथल और कुरुक्षेत्र में इंटरनेट सेवाओं पर पहले रोक लगी हुई थी, हालांकि 4 जिलों में पहले ही सामान्य रूप से नेट चालू हो गया था. लेकिन करनाल में आज से इंटरनेट सेवाओं को बहाल किया गया है. सचिवालय के बाहर बैठने वाले टाइपिस्ट भी इंटरनेट बंद होने के कारण परेशान थे. सरकारी दफ्तर में लोगों के कम आने से इनके व्यापार पर भी असर पड़ था. दूसरी ओर ड्राइविंग लाइंसेंस बनाने वाले, ऑनलाइन रजिस्ट्री कराने वाले भी बेहद मुश्किलों का सामना कर रहे थे.


जानकारी के अनुसार, सचिवालय के अंदर करीब 40 विभाग है. सचिवालय के आस पास में ही करीब 10 बीमा कंपनियां, 15 से अधिक बैंक और करीब 40 निजी कार्यलय मौजूद हैं. इस जगह हर दिन हजारों की संख्या में लोग यहां काम करने आते हैं. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने इंटरनेट बंद होने पर कहा था, 'इंटरनेट बंद करना लोगों की जुबान पर ताला लगाने का एक कानून है. हर किसी को बोलने की आजादी है, सोशल मीडिया हमारी बात सही दिखाता है, उसको बंद नहीं करना चाहिए और इंटरनेट को जल्द चालू कर देना चाहिए.'


दरअसल 28 अगस्त को करनाल में मुख्यमंत्री एक बैठक होने के कारण किसान अपना विरोध दर्ज कराने के आगे बढ़े तो पुलिस के साथ झड़प हुई थी. झड़प में कई किसान घायल हुए, वहीं एक किसान की मृत्यु भी हो गई थी. इसके अलावा ड्यूटी मजिस्ट्रेट आयुष सिन्हा की किसानों के सिर फोड़ने की वीडियो वायरल होने के बाद किसानों में आक्रोश दिखा, मामले ने इतना तूल पकड़ा की किसानों ने महापंचायत की और लघु सचिवालय का घेराव कर दिया था.


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