चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. अब उसके विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग का एक वीडियो सामने आया है. इसमें वो कहती नजर आ रही हैं कि भारत ने अरुणाचल प्रदेश को अवैध तरीके से बसाया है. अरुणाचल भारत का इलीगल सेटअप (Illegal Setup) है. अरुणाचल प्रदेश को जंगनान का इलाका बताया है.
अब इस पर कांग्रेस ने सरकार से सवाल किया है. कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा- "चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा- भारत ने अरुणाचल प्रदेश को अवैध तरीके से बसाया है. अरुणाचल प्रदेश भारत का Illegal Setup है. अरुणाचल प्रदेश चीन के Zangnan का हिस्सा है. चीन की ये भाषा बेहद ही आपत्तिजनक है. ये भारत का अपमान है. मोदी सरकार को इस पर सख्त आपत्ति दर्ज करानी चाहिए. भारत को लेकर ऐसी निम्न स्तर की बयानबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी."
कांग्रेस ने चीन प्रवक्ता का एक वीडियो भी शेयर किया है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, अरुणाचल प्रदेश पर विवाद उस समय छिड़ गया, जब 25 नवंबर को प्रदेश की एक भारतीय महिला को शंघाई हवाई अड्डे पर परेशान किया गया था. इसे चीन ने कानून और नियमों के मुताबिक कार्रवाई करार दिया था. साथ ही चीन ने महिला उत्पीड़न के आरोपों को गलत बताया था.
दरअसल, ब्रिटेन में रहने वाली भारतीय नागरिक पेमा वांगजोम थोंगडोक 21 नवंबर को लंदन से जापान जा रही थीं. उन्होंने दावा किया कि उनका तीन घंटे का तय ठहराव तब बहुत बुरा हो गया, जब चीन के इमीग्रेशन अधिकारियों ने उनके पासपोर्ट को सिर्फ इसलिए अवैध घोषित कर दिया क्योंकि उसमें अरुणाचल प्रदेश उनका जन्मस्थान लिखा था.
चीन ने कहा था कि उत्पीड़न नहीं हुआ
थोंगडोक से साथ हुई इस घटना पर भारत सरकार ने जवाब मांगा तो चीन विदेश मंत्रालय ने उत्पीड़न के दावों को खारिज कर दिया था, लेकिन अरुणाचल प्रदेश को जंगनान का इलाका बताया था. चीन की तरफ से कहा गया था कि चीन की सीमा निरीक्षण अधिकारियों ने कानून और नियमों के हिसाब से प्रक्रिया पूरी की है. उन्होंने चीन के दावों को दोहराया. इसमें जंगनान इलाके को हिस्सा बताया.
चीन ने कहा था, “जंगनान चीन का हिस्सा है. भारत की ओर से अवैध रूप से स्थापित तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को चीन ने कभी मान्यता नहीं दी है.”
भारत ने जताया कड़ा विरोध
भारतीय नागरिक पेमा वांगजोम थोंगडोक का सोशल मीडिया पर उत्पीड़न वाले बयान के बाद भारत सरकार ने तुरंत एक्शन लिया. सूत्रों ने बताया कि भारत ने घटना वाले दिन ही बीजिंग और दिल्ली दोनों जगह चीन का विरोध जताया. भारत ने चीन को साफ लहजे में कह दिया है कि अरुणाचल प्रदेश बिना किसी शक के भारतीय भूभाग है. वहां के लोगों को भारतीय पासपोर्ट रखने और उससे यात्रा करने का पूरा हक है. शंघाई में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने भी इस मामले को स्थानीय स्तर पर उठाया और फंसी हुई यात्री की पूरी मदद की.