मुंबई: संसद के आगामी सत्र में हंगामा देखने को मिल सकता है. 19 जुलाई से शुरू हो रहे सत्र के लिए विपक्ष ने धार देना शुरू कर दिया है. महंगाई और पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे संसद में छाए रहेंगे. इसका अंदाजा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के तेवर से लग जाता है. उन्होंने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पेट्रोल कर के रूप में 25 लाख करोड़ रुपये एकत्र कर चुकी है लेकिन इस कोष का इस्तेमाल न तो लोगों के कल्याण के लिए हो रहा है और न ही राज्य सरकारों को दिया जा रहा है. 


महंगाई, पेट्रोल के मुद्दे पर विपक्ष के तेवर कड़े


राज्य सभा में विपक्ष के नेता ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले सात साल में नरेंद्र मोदी सरकार ने आम लोगों का जीवन दुश्कर बना दिया है. उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘पेट्रोल, एलपीजी, और खाद्य तेलों की कीमतें सबसे ऊंचे स्तर पर हैं. केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 25 लाख करोड़ रुपये कर के रूप में वसूला है लेकिन न तो इस कोष से लोगों को फायदा पहुंच रहा है और  न ही राज्य सरकारों को दिया जा रहा है.’’ उन्होंने मोदी सरकार के समय पेट्रोल की कीमतों में  326 बार वृद्धि का दावा किया है जिसमें से पिछले दो महीनों में 38 बार कीमत बढायी गयी है.


संसद का आगामी संत्र हो सकता है हंगामेदार 


कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के शासन में पेट्रोल पर केंद्रीय कर 9.48 रुपया प्रति लीटर था जो अब बढ़ कर 32.90 रुपया हो गया है. यूपीए के शासनकाल के दौरान कच्चे तेल की कीमत 111 डॉलर प्रति बैरल थी और तब देश में पेट्रोल की कीमत 71 रुपये प्रति लीटर. लेकिन अब कच्चे तेल की कीमत 44 डॉलर प्रति बैरल है तो पेट्रोल का दाम प्रति लीटर 107 रुपये है. उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने पेट्रोल कर के रूप में 25 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं और घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 834 रुपये हो गयी है जबकि इस पर मिलने वाली सब्सिडी भी वापस ले ली गयी है.


उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने कहा था कि डीबीटी योजना के तहत 15 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई और इसका मतलब है कि सरकार ने इसके जरिए करीब एक लाख करोड़ रुपये की बचत की. लेकिन मोदी सरकार इस धन का इस्तेमाल लोगों के कल्याण के लिये नहीं कर रही है और न ही राज्य सरकारों को मिल रहा है.’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गरीबों के खातों में छह हजार रुपये भेजने का सुझाव दिया था लेकिन मोदी सरकार ने खारिज कर दिया.


कांग्रेस नेता ने दावा किया कि कोविड महामारी के दौरान 1.33 लाख लोगों की नौकरी चली गयी और प्रति व्यक्ति आय में दस हजार रुपये की गिरावट हुई. उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद में नौ से दस फीसदी की गिरावट आयी है. महाराष्ट्र को केंद्र से मिलनेवाले जीएसटी के मुद्दे पर कहा कि उसे 32 हजार करोड़ रुपये अभी तक नहीं मिल पाया है. 


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