Indo France Military Exercise: भारत और फ्रांस आतंकवाद रोधी अभियानों पर ध्यान केंद्रित करते हुए फ्रांस के बंदरगाह शहर फ्रेजस में आज से 12 दिवसीय सैन्य अभ्यास आरंभ करेंगे. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि ‘गोरखा राइफल्स इन्फैंट्री’ बटालियन की एक पलटन भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व करेगी, जबकि फ्रांसीसी पक्ष छठी ‘लाइट आर्मर्ड ब्रिगेड’ की 21वीं ‘मरीन इन्फैंट्री रेजिमेंट’ के जवानों को तैनात करेगा. बयान में कहा गया, ''अभ्यास ‘शक्ति’ संयुक्त राष्ट्र के जनादेश के तहत अर्ध-शहरी इलाके में आतंकवाद विरोधी अभियानों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसका उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ाना है.''


इससे पहले दोनों देशों की सेनाओं के बीच अभ्यास 2019 में राजस्थान की ‘महाजन फील्ड फायरिंग रेंज’ में आयोजित किया गया था. गोरखा राइफल्स का सैन्य वीरता और सर्वोच्च बलिदान का 68 वर्ष पुराना गौरवशाली इतिहास है और उसकी एक समृद्ध विरासत है. फ्रांसीसी सेना रेजिमेंट का इतिहास 120 से अधिक वर्ष पुराना है और उसने फ्रांसीसी सेना से जुड़े सभी प्रमुख युद्धों में भाग लिया है.


दोनों देशों के बीच होने वाले इस प्रशिक्षण में भारतीय वायु सेना के साथ अभ्यास गरुड़, भारतीय नौसेना के साथ अभ्यास वरुण और भारतीय सेना के साथ अभ्यास शक्ति शामिल हैं. इस द्विपक्षीय अभ्यास में गोरखा राइफल्स इन्फैंट्री बटालियन की एक प्लाटून भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व करेगी. इसी तरह फ्रांसीसी पक्ष की ओर से इसका पक्ष छठी लाइट आर्म्ड ब्रिगेड की 21वीं मरीन इन्फैंट्री रेजिमेंट के सैनिक करेंगे.


फ्रांसीसी सेना के बारे में जानकारी


युद्धाभ्यास में भाग ले रही फ्रांसीसी सेना की टुकड़ी को साल 1831 में दूसरी मरीन इन्फैंट्री रेजिमेंट के नाम से खड़ा किया गया था. साल 1901 में इसका नाम बदलकर 21वीं मरीन इन्फैंट्री रेजिमेंट कर दिया गया था. इस रेजिमेंट का 120 से अधिक साल का एक शानदार इतिहास है. फ्रांसीसी सेना की यह टुकड़ी सभी प्रमुख युद्धों में भाग ले चुकी है.


Supreme Court Hearing on Pollution: प्रदूषण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई आज, दिल्ली सरकार सौंप सकती है अपना प्लान