देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo पिछले कुछ हफ्तों से गंभीर ऑपरेशनल संकट में फंसी हुई है. नवंबर के आखिरी सप्ताह से इंडिगो की रोजाना 170–200 उड़ानें रद्द हो रही हैं. भारी अव्यवस्था और यात्रियों की बढ़ती शिकायतों के बीच DGCA ने 4 दिसंबर 2025 को तत्काल समीक्षा बैठक बुलाई जिसमें नागर विमानन मंत्री, MoCA, AAI और DGCA के शीर्ष अधिकारियों ने स्थिति की गहन जांच की.
DGCA ने साफ कहा कि हालात सामान्य नहीं बल्कि गंभीर हैं और इसका सीधा प्रभाव देशभर के लाखों यात्रियों को झेलना पड़ रहा है. DGCA के अनुसार इंडिगो के नेटवर्क में बड़े पैमाने पर कैंसलेशन की वजहें कई हैं— नई फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL) नियमों का दबाव, क्रू की कम उपलब्धता, सर्दियों में ऑपरेशनल चुनौतियाँ और सबसे अहम, एयरलाइन की अपनी गलत प्लानिंग.
एयरलाइन ने DGCA के सामने कबूली गलती
हैरानी की बात यह है कि इंडिगो ने खुद DGCA के सामने स्वीकार किया कि Phase-2 FDTL लागू करते समय एयरलाइन ने क्रू की जरूरत का गलत अनुमान लगाया. नई ड्यूटी टाइम लिमिट्स लागू होते ही असल क्रू requirement अनुमान से कहीं ज़्यादा निकली, जिससे शेड्यूल एकदम अस्थिर हो गया.
इंडिगो ने यह भी बताया कि सर्दियों में पहले ही फॉग, रात के स्लॉट और देरी जैसी दिक्कतें बढ़ी रहती हैं. इसके ऊपर नए FDTL नियमों ने रात की ड्यूटी में क्रू उपलब्धता और घटा दी. इसके कारण कई पायलट और केबिन क्रू ड्यूटी लिमिट पार होने या अनिवार्य रेस्ट की वजह से उड़ानों के लिए उपलब्ध ही नहीं थे. यही वजह रही कि 'उपलब्ध क्रू' और 'वास्तविक usable क्रू' के बीच बड़ा अंतर पैदा हो गया और कैंसलेशन का सिलसिला और तेज हो गया.
आगे भी कैंसिल होंगी फ्लाइट्स
एयरलाइन ने माना कि प्लानिंग की इसी चूक के कारण आने वाले 2–3 दिनों में और भी कैंसलेशन होंगे. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इंडिगो ने घोषणा की है कि 8 दिसंबर से वह अपनी उड़ानों की संख्या कम करेगा, ताकि ऑपरेशंस को स्थिर किया जा सके. कंपनी ने वादा किया है कि corrective actions जारी हैं और 10 फरवरी 2026 तक संचालन पूरी तरह सामान्य कर दिया जाएगा.
DGCA की ग्राउंड रिपोर्ट और भी चिंताजनक है. दिल्ली एयरपोर्ट T1 पर निरीक्षण के दौरान पाया गया कि इंडिगो के पासेंजर-हैंडलिंग स्टाफ की संख्या कम थी, कैंसलेशन के कारण भारी भीड़ जमा हो रही थी, यात्रियों को सहायता देने वाले कर्मचारी कम थे और ऑन-ग्राउंड कोऑर्डिनेशन भी कमजोर था. DGCA ने एयरलाइन को तुरंत स्टाफ बढ़ाने और यात्री सपोर्ट सर्विसेज मजबूत करने के आदेश दिए.
DGCA ने एयरलाइन को दिए सख्त निर्देश
DGCA ने इंडिगो को कई सख्त निर्देश भी जारी किए हैं—जैसे विस्तृत क्रू भर्ती रोडमैप देना, रॉस्टर और ट्रेनिंग सिस्टम को तुरंत सुधारना, मौजूदा संकट को कम करने के लिए तात्कालिक mitigation plan तैयार करना, हर 15 दिन में प्रोग्रेस रिपोर्ट सौंपना और FDTL नियमों में किन राहतों की जरूरत है इसका विस्तृत प्रस्ताव भेजना.
एजेंसी ने साफ कहा है कि वह इंडिगो के नेटवर्क परफॉर्मेंस, ऑपरेशनल सुधार, यात्री सेवा और भीड़ प्रबंधन की रियल-टाइम मॉनिटरिंग जारी रखेगा. दरअसल इंडिगो के इस ब्लंडर की जड़ वही जगह है जहां से इसका संकट शुरू हुआ—क्रू आवश्यकता का गलत अनुमान.
इंडिगो में क्या आ रही ऑपरेशनल दिक्कतें?
अक्टूबर 2025 तक Phase-1 के लिए एयरलाइन को 2,186 क्रू की जरूरत थी, जो Phase-2 लागू होते ही बढ़कर 2,422 हो गई. इसी तरह Phase-2 ऑपरेशंस के लिए क्रू requirement 1,948 से बढ़कर 2,153 हो गई. संख्या बढ़ रही थी, लेकिन नई FDTL व्यवस्था के बाद उपलब्ध क्रू पूरी तरह उपयोग में नहीं आ पा रहा था. यही गलत गणना इंडिगो को रोज़ाना 170–200 उड़ानें रद्द करने की स्थिति तक ले आई.
साफ है कि यह सिर्फ मौसम या तकनीकी दिक्कत की कहानी नहीं, बल्कि एक बड़ी प्लानिंग गड़बड़ी है, जिसे इंडिगो ने खुद स्वीकार किया है—और अब DGCA लगातार निगरानी कर रहा है कि फरवरी 2026 तक हालात वास्तव में सामान्य होते हैं या नहीं.