भारत के अगले चीफ जस्टिस सूर्य कांत ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट और देश की सभी अदालतों में लंबित मुकदमों की संख्या कम करने पर विशेष जोर देंगे. सोमवार (24 नवंबर, 2025) को पद की शपथ लेने जा रहे जस्टिस कांत ने कुछ चुनिंदा पत्रकारों से विशेष बातचीत में अपनी प्राथमिकताओं के बारे में बताया.
'बेवजह सुप्रीम कोर्ट आना सही नहीं'
जस्टिस सूर्य कांत ने इस बात पर चिंता जताई कि सुप्रीम कोर्ट में इस समय 90 हजार से ज्यादा मामले लंबित हैं. उन्होंने कहा कि वह बाकी जजों के साथ विचार-विमर्श कर मुकदमों के तेज निपटारे का प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कई ऐसे मामले भी दाखिल होते हैं, जिनकी सुनवाई हाई कोर्ट में भी संभव है. उनके कार्यकाल में याचिकाकर्ताओं को बेवजह सुप्रीम कोर्ट आने से रोकने का प्रयास किया जाएगा.
'वकील का कद मायने नहीं रखता'
एबीपी न्यूज संवाददाता निपुण सहगल ने उनसे कहा कि कई बार कद्दावर वकीलों को देखकर सुप्रीम कोर्ट के जज ऐसा मामला सुनने पर सहमत हो जाते हैं, जिन्हें हाई कोर्ट में सुना जा सकता है. इस पर जस्टिस सूर्य कांत ने कहा कि उनके लिए वकील का कद कोई मायने नहीं रखता है. वह केस की फाइल पढ़कर राय बनाते हैं. वह वरिष्ठ वकीलों को भी हाई कोर्ट जाने की सलाह देने से नहीं चूकेंगे.
मध्यस्थता पर जोर
जस्टिस कांत ने यह भी कहा कि वह मध्यस्थता के जरिए विवादों के समाधान पर जोर देंगे. ऐसे बहुत से मामले होते हैं जिन्हें आपसे बातचीत से हल किया जा सकता है. कोर्ट में सबसे ज्यादा मुकदमे दाखिल करने वाली सरकार को भी इसके लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
संविधान पीठ का गठन
न्यायपालिका के सामने मौजूद समस्याओं पर चर्चा करते हुए जस्टिस कांत ने कहा कि देश भर में हजारों मुकदमे सिर्फ इसलिए रुके हैं, क्योंकि उनसे जुड़े कानूनी सवालों पर सुप्रीम कोर्ट का जवाब आना बाकी है. इस स्थिति को बदला जाएगा. उन मामलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिनमें कानूनी सवालों का जवाब दिया जाना है. इसके लिए संविधान पीठ का गठन किया जाएगा.
जस्टिस सूर्य कांत का संक्षिप्त परिचय
हरियाणा से आने वाले सुप्रीम कोर्ट के पहले चीफ जस्टिस सूर्य कांत का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हिसार में हुआ. वह साल 2000 में हरियाणा के एडवोकेट जनरल बने. 2004 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जज नियुक्त हुए. 2018 में हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और 24 मई, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त बने. इसके बाद अब 24 नवंबर, 2025 को वह देश के 53वें चीफ जस्टिस बनेंगे. उनका कार्यकाल 9 फरवरी, 2027 तक यानी लगभग 15 महीने का होगा.