नई दिल्ली: सीएसडीएस (सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज) ने भारतीय युवाओं पर एक बड़ा सर्वे किया है. सर्वे में यह बात सामने आई है कि देश के युवा गम्भीर हैं और पारिवारिक मूल्यों को तरजीह देने वाले हैं लेकिन युवाओं के लिए जाति और धर्म से बढ़कर उनका देश है. इस सर्वे के बाद भारतीय युवाओं को लेकर कई भ्रांतियां टूट जाएंगी. भारतीय युवा अब राजनीति से दूरी बना कर चलने वाले नहीं रह गए हैं. मॉर्डर्न और मनोरंजन पसंद कहकर युवाओं को अब नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता.

सर्वे में सामने आई भारतीय युवाओं से जुड़ी मुख्य बातें;

1. देश के युवाओं के लिए सबसे सबसे बड़ी चिंता रोजगार की है.

2. सरकारी नौकरी युवाओं की पहली पसंद है. क्योंकि युवाओं को रोजगार की सुरक्षा चाहिए.

3. पिछले दस सालों में युवाओं की दिलचस्पी राजनीति में काफी बढ़ी है. वोट देने के अलावा भी राजनीति के बाकी कामों में भी युवाओं की हिस्सेदारी बढ़ी है.

4. पिछले दस सालों में देश के युवाओं के मूल्यों में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है. सामाजिक मूल्य मजबूत हैं. उनके जीवन में परिवार का बहुत महत्व है. यानी युवाओं को मनोरंजन पसंद और गंभीर नहीं मानने के दावे गलत हैं. युवा गम्भीर सोच रखने वाले हैं.

5. भारत के युवा देश को धर्म और जाति से ऊंचा मानते हैं.

6. इस सर्वे से पता चलता है कि बीते दस सालों में देश के युवाओं की हालत और रोजगार में कोई खास तरक्की नहीं हुई है.

7. बेरोज़गारी और शिक्षा की समस्या सबसे बड़ी समस्या है.

8. बड़ी संख्या में युवा आरक्षण के समर्थन में हैं

9. यह भी एक भ्रांति है कि युवा विदेशों में बसना चाहते हैं. अधिकतर युवा देश में ही रहना चाहते हैं. सिर्फ़ वही युवा विदेश में बसना चाहते हैं जिनके रिश्तेदार वहां बसे हों.

सीएसडीएस और कोनराड एडेन्योर स्टिफटंग (केएएस) ने 20 राज्यों में 18 से 34 साल के 6,122 युवाओं से बात की. जिसके तहत सत्तर फीसदी गांव के युवाओं से बात की गई है. क्योंकि देश के सत्तर फीसदी युवा गाँव में रहते हैं. भारत में 35 फीसदी युवा ऐसे हैं जो 14 से 34 साल की आयु के अन्तर्गत आते हैं.

युवाओं की सोच, उनकी एन्ग्जाइटि, उनकी वैल्यूज, फैमली ओरिएंटेशन, जॉब प्रिफ्रेंस और उनकी राजनीति में दिलचस्पी को लेकर सीएसडीएस ने यह सर्वे किया. ऐसा सर्वे दस साल पहले भी किया गया था. इसमें नॉर्थ-ईस्ट के राज्य, हिमाचल, उत्तराखंड, गोवा और जम्मूकश्मीर जैसे छोटे राज्यों को शामिल नहीँ किया गया है. सीएसडीएस के प्रो. संजय कुमार के नेतृत्व में यह सर्वे हुआ. इस सर्वे को सीएसडीएस के 15 और देश भर के करीब 200 शोधकर्ताओं ने मिल कर पूरा किया.