राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भारतीय रेलवे में केवल हलाल मीट परोसे जाने की शिकायत पर संज्ञान लिया है. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं.
NHRC को शिकायत मिली है कि भारतीय रेलवे की खानपान सेवाओं में केवल हलाल तरीके से तैयार किया गया मीट ही परोसा जाता है. इस कारण हिंदुओं, सिखों और अनुसूचित जाति के लोगों के मानवाधिकार का हनन होता है. शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में NHRC से ये भी कहा है कि हलाल मीट परोसे जाने के कारण हिंदू, सिख या अनुसूचित जाति के जो मीट कारोबारी हैं, उन्हें रेलवे में खाद्य आपूर्ति और व्यापार का उचित अवसर नहीं मिल पाता.
हिंदू SC समुदायों की आजीविका के अधिकार प्रभावितशिकायत में कहा गया है कि यह प्रथा हिंदू SC समुदायों की आजीविका के अधिकार को प्रभावित करती है, जो पारंपरिक रूप से मीट व्यापार से जुड़े हैं. इससे उनकी धार्मिक स्वतंत्रता और खाद्य चयन के अधिकार का हनन होता है.
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को नोटिस जारी शिकायत का संज्ञान लेते हुए आयोग ने माना कि शिकायत में किए गए आरोप prima facie मानवाधिकारों के उल्लंघन जैसे प्रतीत होते हैं और यह नीति संविधान के धर्मनिरपेक्षता, समानता, गैर-भेदभाव तथा आजीविका के अधिकार के सिद्धांतों के खिलाफ हो सकती है. राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने शिकायत पर संज्ञान लेकर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को नोटिस जारी करने और दो सप्ताह में Action Taken Report भेजने के निर्देश दिए हैं.
पहले भी कईं बार होती रही हैं शिकायतेंदरअसल भारतीय रेलवे में सिर्फ हलाल मीट परोसे जाने को लेकर सार्वजनिक बहस और शिकायतें समय-समय पर सामने आती रही हैं. इसे लेकर कई कारण और दावे भी सामने आते हैं, हालांकि भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) ने आधिकारिक तौर पर हलाल सर्टिफिकेशन की अनिवार्यता से इंकार किया है.
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