Corruption Report of India: केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार के संबंध में नयी आधिकारिक रिपोर्ट को पेश करते हुए बताया कि साल 2022 के शुरुआती आठ महीनों में सरकार को भ्रष्टाचार के संबंध में 46 हजार से अधिक जन शिकायतें मिल चुकी है. जिनमें से सबसे ज्यादा शिकायतें वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के खिलाफ थीं.

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कौन-कौन से मुख्य विभागों की रिपोर्ट हुई जारी?

केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, “वित्तीय सेवा विभाग (बैंकिंग डिवीजन) को भ्रष्टाचार की श्रेणी में सबसे ज्यादा 14 हजार 934 शिकायतें प्राप्त हुईं. वहीं, वित्तीय सेवा विभाग (बीमा डिवीजन) इस मामले में दूसरे स्थान पर रहा और उसे इस साल अब तक 3 हजार 306 शिकायतें मिल चुकी हैं.” रिपोर्ट के अनुसार, भ्रष्टाचार रोधी मामलों के नोडल प्राधिकरण-कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को ऐसी 2 हजार 223 शिकायतें हासिल हुईं.

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केन्द्र सरकार को कैसे मिलती है शिकायतें

भ्रष्टाचार के संबंध में शिकायतें केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) के जरिये मिलती है. सीपीजीआरएएमएस (CPGRAMS) एक ऑनलाइन पोर्टल है, जो नागरिकों को सरकारी विभागों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की सुविधा देता है. अगस्त-2022 के लिए जारी सीपीजीआरएएमएस (CPGRAMS) रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साल अब तक अकेले भ्रष्टाचार की श्रेणी के तहत 46 हजार 627 जन शिकायतें प्राप्त हुई हैं.

गौरतलब है कि “सीपीजीआरएएमएस (CPGRAMS) पर जन शिकायतों के समाधान की समयसीमा 45 दिन से घटाकर 30 दिन कर दी जा चुकी है. पिछले पांच वर्षों में सीपीजीआरएएमएस (CPGRAMS) पोर्टल पर औसतन 19 लाख शिकायतें  मिली हैं.”

अन्य विभागों के क्या है आंकड़े?

रिपोर्ट के मुताबिक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग को 1 हजार 831 जन शिकायतें मिली हैं, जबकि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के कार्यालय के खिलाफ 1 हजार 784 और खाद्य एवं जन वितरण विभाग के खिलाफ 1 हजार 005 जन शिकायतें आई हैं.

कितने शिकायतों का निपटारा होना है बाकी?

लंबित शिकायतों के विश्लेषण से पता चलता है कि वित्तीय सेवा विभाग (बैंकिंग डिवीजन) में भ्रष्टाचार श्रेणी की सर्वाधिक 1 हजार 088 जन शिकायतों का निपटारा होना बाकी है, जबकि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मामले में लंबित जन शिकायतों की संख्या 260 है.

हलिया रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि एक जनवरी से 25 अगस्त 2022 के बीच कुल 7 लाख 50 हजार 822 जन शिकायतें मिलीं, जिनमें पिछले साल की लंबित 68 हजार 528 जन शिकायतें शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि एक जनवरी से 25 अगस्त 2022 के बीच प्राप्त 7 लाख 50 हजार 822 जन शिकायतों में से 7 लाख 27 हजार 673 का निपटारा किया जा चुका है, जबकि 91 हजार 677 लंबित हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, कुल लंबित जन शिकायतों में से 2 हजार 157 का एक साल से अधिक समय से निपटारा नहीं किया जा सका है. इसमें कहा गया है कि 10 हजार 662 जन शिकायतें छह महीने से अधिक समय से, 47 हजार 461 जन शिकायत 30 दिन से अधिक समय से और 44 हजार 216 जन शिकायतें 30 दिन से कम से समय से लंबित हैं.

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