रक्षा क्षेत्र में खुद को आत्मनिर्भर बनाने की भारत की प्रक्रिया के तहत सरकार कम से कम 100 हथियारों और प्रणालियों की एक नई लिस्ट जारी करेगी, जिनका आयात अगले पांच वर्षों में बंद किया जाएगा. इस अभियान से जुड़े अधिकारियों ने बुधवार को इस संबंध में जानकारी दी. बता दें कि पिछले 2 साल में केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई इस तरह की यह तीसरी सूची होगी. इसके बाद अब ऐसे हथियारों की संख्या 300 हो जाएगी.  


2025 तक देश में ही हथियार बनाने का लक्ष्य


रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में बताया कि, "तीसरी सूची में शामिल हथियारों और प्रणालियों पर अगले पांच वर्षों में ₹2,10,000 करोड़ से अधिक के ऑर्डर दिए जाने की संभावना है." आज यानी गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ऐसे प्रमुख उपकरणों और प्लेटफॉर्मों की सूची जारी करेंगे जिन्हें दिसंबर 2025 तक देश के अंदर ही बनाने का लक्ष्य है.


देश में आत्मनिर्भरता के लिए जरूरी कदम


सैन्य अभियानों के पूर्व महानिदेशक और लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया (सेवानिवृत्त) का इस पर कहना है कि, "यह रक्षा के क्षेत्र में आत्मानिभर्ता हासिल करने के लिए एक केंद्रित दृष्टिकोण और एक कार्यान्वयन योग्य योजना का प्रतिनिधित्व करता है. यह भारत की रणनीतिक स्वायत्तता में योगदान देगा."


इससे पहले आ चुकी है दो लिस्ट


बता दें कि इसकी पहली सूची 21 अगस्त  2020 को जिसमें 101 हथियार और दूसरी लिस्ट जिसमें 108 हथियार थे, 31 मई  2021 को जारी की गई थी. पहली दो सूचियों में शामिल हथियारों और प्रणालियों में आर्टिलरी गन, मिसाइल डिस्ट्रॉयर, शिप-बोर्न क्रूज़ मिसाइल, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट, लाइट ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, लॉन्ग-रेंज लैंड-अटैक क्रूज़ मिसाइल, बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट, मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर, असॉल्ट राइफलें, स्नाइपर राइफलें, मिनी-यूएवी, निर्दिष्ट प्रकार के हेलीकॉप्टर, अगली पीढ़ी के कोरवेट, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) सिस्टम, टैंक इंजन और मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम प्रमुख हैं.


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