गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व से ठीक पहले बड़ी खबर सामने आई है. भारत सरकार ने सिख जत्थे को पाकिस्तान जाने की इजाजत दे दी है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी गई हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद एशिया कप 2025 के दौरान दोनों देशों के बीच और ज्यादा दूरी बढ़ गई. हालांकि विदेश मंत्रालय ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारे को लेकर बड़ा फैसला लिया है.
करतारपुर साहिब सबसे प्रसिद्ध गुरुद्वारा है. यहां गुरु नानक देव जी ने अपना जीवन का आखिरी समय बिताया था. यह गुरुद्वारा भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए अहम है. सिख श्रद्धालु इसे करतारपुर कॉरिडोर के जरिए भारत से जाकर दर्शन कर सकते हैं. भारतीय सिख प्रकाश पर्व के मौके पर केंद्र सरकार की इजाजत के बाद करतारपुर जाते हैं, उन्हें इस बार भी जाने की इजाजत मिल गई है.
करतारपुर कोरिडोर को लेकर हुआ था खास समझौता
भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर कोरिडोर को लेकर साल 2019 में एक खास समझौते पर हस्ताक्षर किया था. इसके तहत भारतीय मूल के सभी तीर्थयात्री इस कोरिडोर का उपयोग कर सकते हैं. खास बात यह है कि सिख श्रद्धालुओं को पहले वीजा लेकर जाना पड़ता था, लेकिन इसके बाद बिना वीजा के करतारपुर जाने की इजाजत मिल गई. उन्हें जाने के लिए सिर्फ एक वैध पासपोर्ट की ही जरूरत है. भारत सरकार की तरफ से यात्रा से 10 दिन पहले तीर्थयात्रियों की एक लिस्ट पाकिस्तान को भेजनी होती है. इसके बाद पाकिस्तान की तरफ से पुष्टिकरण भी आता है.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़ा तनाव
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच काफी ज्यादा तनाव बढ़ गया. भारत ने इसका बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर से बदला लिया था. इस दौरान पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ था. एशिया कप 2025 के दौरान टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने पाक खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया और इसके बाद ट्रॉफी को लेकर भी विवाद हो गया.