भारतीय सेना दुर्गम इलाकों में भी अपने साहसिक कार्यों के लिए जानी जाती है. सेना ने एक बार फिर हिमालय की बर्फ से लदी ऊंची चोटियों के बीच एक नया कारनामा कर दिखाया है. चीन से सटी सीमा में भारतीय सेना ने 16 हजार फीट की ऊंचाई पर मोनो-रेल तैयार कर एक रिकॉर्ड गढ़ लिया है. 

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दरअसल अरुणाचल प्रदेश में बर्फ से घिरी चौकियों तक सैनिकों को रसद और सप्लाई पहुंचाने के लिए भारतीय सेना की गजराज कोर (मुख्यालय तेजपुर) ने हाई-ऑल्टिट्यूड मोनो रेल बनाकर तैयार कर ली है. इस रेल के जरिए घायल सैनिकों से लेकर 300 किलो तक का सामान एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाया जा सकता है. 

सेना ने मोनो-रेल के वीडियो जारी किए भारतीय सेना की तरफ से अरुणाचल प्रदेश के कामेंग जिले में बर्फ में चलने वाली इस मोनो-रेल के वीडियो जारी किए गए हैं. वीडियो में सैनिकों को एक घायल सैनिक को इस मोनो रेल के जरिए एक चौकी से दूसरी चौकी तक ले जाते हुए देखा जा सकता है. भारतीय सेना के क्षेत्रीय प्रवक्ता, लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने एक आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में विपरीत मौसम और उंची चोटियों तक पहुंचने में खासी मशक्कत उठानी पड़ती थी. ऐसे में ये मोनो-रेल हाई ऑल्टिट्यूड लॉजिस्टिक में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है.

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मोनो रेल के जरिए क्या-क्या कर सकती है सेनाबर्फ से ढकी होने के कारण सेना की कई चौकियां, कईं-कईं दिनों तक फील्ड फॉर्मेशन के मुख्यालयों से कटी रहती हैं. ट्रेकिंग के अलावा खच्चर और दूसरे पारंपरिक ट्रांसपोर्ट के जरिए भी यहां तक पहुंचने में खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. ऐसे में सेना की गजराज कोर (4 कोर) ने खुद इस मोनो रेल को बनाने का बीड़ा उठाया.

सेना के मुताबिक, अब इस मोनो रेल के जरिए रसद के साथ-साथ एम्युनिशन, फ्यूल, इंजीनियरिंग उपकरण और दूसरे अन्य भारी सामान भी अग्रिम चौकियों तक आसानी से पहुंचाए जा सकते हैं.

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