नई दिल्ली: सजग रहे, सतर्क रहें, सुरक्षित रहें. भारतीय सेना ने एक वीडियो जारी कर सेना के सभी व्हाट्सएप ग्रुप्स और सैनिकों को चीनी हैकर्स से सावधान रहने के लिए आगाह किया है. सेना की पब्लिक इंफॉर्मेशन विंग, एडीजीपीआई ने अपने ट्वीटर एकाउंट और इंस्टाग्राम पर ये वीडियो जारी कर सभी सैनिकों को सोशल मीडिया और खासतौर से व्हाट्सएप एकाउंट के बारे में सजग रहने का आदेश दिया है. ये पहली बार है कि सेना ने सीधे चीनी हैकर्स का नाम लेकर अपने सैनिकों को सतर्क रहने का आदेश दिया है.

ये नंबर्स +86 सीरिज से शुरु होते हैं

सेना मुख्यालय के एक बड़े अधिकारी ने इस खतरे के बारे में जारी वीडियो के बारे में बताया कि हाल के दिनों में कुछ ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जहां पर सेना के अधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुप्स में चीनी हैकर्स के मौजूद होने की जानकारी मिली थी. सेना ने वीडियो में बाकायदा चीन के उन नंबर्स के बारे में बताया हैं जो किसी तरह से सेना के ग्रुप्स में घुसपैठ कर रहे हैं. ये नंबर्स +86 सीरिज से शुरु होते हैं.

हैकर्स डिजिटल प्लेटफॉर्म्स में घुसना चाहते हैं

सेना के मुताबिक, चीनी हैकर्स किसी ना किसी तरह से सैनिकों के मोबाइल फोन और डिजिटल-प्लेटफॉर्म्स में घुसना चाहते हैं ताकि सेना और सैनिकों की मूवमेंट के बारे में जानकारी मिलती रहे. सैन्य अधिकारी ने एबीपी न्यूज को बताया कि हाल ही में कश्मीर के कुछ आर्मी ग्रुप्स में भी चीनी हैकर्स के मौजूद होने की जानकारी मिली थी. इसीलिए सेना और सेना के अधिकारियों को आगाह किया जा रहा है कि अपने व्हाट्सएप  ग्रुप्स में लगातार चेक करते रहें कि कोई चीनी हैकर तो नहीं घुस गया है. क्योंकि ये हैकर्स एक ग्रुप में शामिल होकर उस ग्रुप में मौजूद सभी सदस्यों के मोबाइल फोन से लेकर डिजिटल प्लेटफार्म में घुसकर सारी जानकारी हैक कर लेते हैं.

वीडियो में सेना ने एडमिन और बाकी ग्रुप्स के सदस्यों को आगाह किया है कि वे इस बात को लेकर सजग रहें कि उनके ग्रुप में कोई चीनी नंबर वाला शख्स ना हो. क्योंकि व्हाट्सएप  चीनियों के हाथ में हैकिंग का नया जरिया यानि हथियार है. इसलिए अपने ग्रुप पर लगातार नजर रखें और सभी नंबरों को समय समय पर खंगालते रहे.

सैन्य अधिकारियों के बड़ी तादाद में व्हाट्सएप ग्रुप बने हुए हैं

बता दें कि सैन्य अधिकारियों के बड़ी तादाद में व्हाट्सएप ग्रुप बने हुए हैं. एनडीए और आईएमए के बैच से लेकर सभी पलटन, कमान, स्कावड्रन के ग्रुप्स बने हुए हैं. इन ग्रुप्स में अधिकारी अपनी मूवमेंट और दूसरी जानकारियों साझा करते हैं. कुछ ग्रुप्स सैन्य अधिकारियों ने गैर-सैन्य लोगों के साथ भी बना रख हैं. इसीलिए चीनी हैकर्स का खतरा लगातार बना रहता है.

यहां पर आपको ये भी बता दें कि चीनी अपने रक्षा बजट का एक बड़ा हिस्सा अपनी साइबर-कमान पर खर्च करता है. इस साइबर कमान का काम चीनी सैन्य संपदाओं की डिजीटल सुरक्षा करना तो है ही साथ ही दुनियाभर के सिस्ट्म्स में सेंधमारी भी है.