किसी भी देश के पास बैलिस्टिक मिसाइल एक बहुत ही ताकतवर हथियार है. यह इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल होती है. इससे कॉन्टिनेंट में न्यूक्लियर वॉरहेड पहुंचाया जा सकता है. इनकी खासियत है कि ये करीबन 5,500 किमी से ज्यादा उड़कर टारगेट तक पहुंच सकती हैं. इन्हें फिक्स्ड अंडरग्राउंड साइलो, मोबाइल रोड ट्रक या सबमरीन में लॉन्च किया जाता है. इन मिसाइलों में मल्टीपल इंडिपेंडेंट रीएंट्री व्हीकल लगे होते हैं. इनमें हर एक अलग-अलग टारगेट को फोकस किया जा सकता है. इन्हें इंटरसेप्ट करना मुश्किल होता है. ऐसे में हम उन मिसाइलों के बारे में बता रहे हैं, जो बेहद ही खतरनाक होती है. अभी रूस के पास सबसे ज्यादा ICBMs हैं. इनमें लगभग 306 स्ट्रेटेजिक मिसाइलें हैं. इनमें 1,185 न्यक्लियर वॉरहेड्स तक का पोटेंशियल पेलोड हो सकता है.
RS-28 सरमत मिसाइलरूस की बनाई RS-28 सरमत दुनिया की सबसे भारी बैलिस्टिक मिसाइल है. इसका वजन करीबन 208 टन है. यह 35.3 मीटर लंबी है. 18 हजार किमी की रेंज के साथ ये साइलो बेस्ड लॉन्च साइट्स से दुनिया भर में किसी भी जगह को टारगेट किया जा सकता है. इसमें लिक्विड फ्यूल वाली मिसाइल में 10 MIRV वॉरहेड होते हैं. इसमें FOBS टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है, जो साउथ पोल पर हमले उत्तरी डिफेंस सिस्टम को बायपास करने में मदद करते हैं.
चीन की DF-41चीन की DF-41 बैलिस्टिक मिसाइल है. इसकी रेंज 12 हजार से 15 हजार के बीच है. इसकी गति दुनिया की मिसाइलों में सबसे ज्यादा है. इसमें 10 MIRV हैं. यह 100 मीटर की सटीकता के साथ BeiDou सैटेलाइट गाइडेंस का इस्तेमाल करती है. इसे 2017 में तैनात किया गया था. 2019 में चीन ने अपने नेशनल डे परेड के दौरान पब्लिक को दिखाया था.
Agni Vभारत की अग्नि V एक लेटेस्ट, बैलेस्टिक मिसाइल है. इसे डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने देश की न्यूक्लियर डिटरेंस कैपेबिलिटी को काफी बढ़ाने के लिए डेवलप किया है. इसकी रेंज 7 हजार से 8 हजार किमी है. मतलब पूरे एशिया समेत यूरोप के कई हिस्सों को कवर कर सकती है. इससे अहम स्ट्रेटेजिक इलाके इसकी पहुंच में आ जाते हैं. मिसाइल में एडवांस्ड कम्पोजिट मटीरियल के साथ तीन-स्टेज, सॉलिड-फ्यूल प्रोपल्शन सिस्टम है. अग्नि-V 3–6 टेस्टेड MIRV न्यूक्लियर वॉरहेड ले जा सकती है. इसकी टर्मिनल स्पीड Mach 24 तक पहुंचती है. अग्नि-V भारत के न्यूक्लियर ट्रायड का एक अहम हिस्सा है. यह देश के भरोसेमंद मिनिमम डिटरेंस और नो फर्स्ट यूज पॉलिसी के कमिटमेंट को सपोर्ट करता है.
LGM-35 सेंटिनल एलजीएम-35 सेंटिनल अमेरिका की मिसाइल है. यह एक साइलो बेस्ड, तीन स्टेज वाला सॉलिड फ्यूल ICBM है. इसमें जमीन से हवा में मार करने की क्षमता है. इसकी अनुमानित रेंज 13 हजार किमी है. इसे बनाने का खर्च करीबन 140.9 बिलियन डॉलर है. अभी इस मिसाइल पर काम चल रहा है. साल 2030 में इसे डिप्लॉय किया जाएगा. यह आगे जाकर अमेरिका के मिनट मैन की जगह लेगा.
Rident II D5यूएस और अमेरिका इस बैलिस्टिक मिसाइल का उपयोग करते हैं. यह सबमरीन से लॉन्च होने वाली मिसाइल है. इसकी रेंज 12 हजार किमी है. स्पीड Mach 24 है. इसमें 8 MIRVs हैं. यह 90 मीटर की एक्यूरेसी के लिए स्टेलर इनर्शियल गाइडेंस का इस्तेमाल करता है. यह NATO के न्यूक्लियर ट्रायड का अहम हिस्सा है. इसके 190 से ज्यादा सफल टेस्ट हो चुके हैं.