Voice of Global South Summit 2023: इस साल भारत के कंधों पर दुनिया की बड़ी आबादी की आवाज बुलंद करने की जिम्मेदारी मिली है. देश में इसी साल G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन होने वाला है. G20 अध्यक्षता के दौरान ही भारत द वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट की मेजबानी करने वाला है. 12-13 जनवरी को वॉइस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर बैठक का आयोजन होने वाला है.
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने शुक्रवार (06 जनवरी) को बताया कि 12 और 13 जनवरी 2023 को एक विशेष वर्चुअल शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. इस शिखर सम्मेलन को ‘द वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ कहा जाएगा, जिसका विषय ‘आवाज की एकता, उद्देश्य के लिए एकता’ है.
120 से अधिक देश होंगे शामिल
भारत की अगुवाई में होने वाले इस आयोजन के लिए दुनिया के 120 से अधिक देशों को आमंत्रित किया जा रहा है. यह बैठक वर्चुअल होगी. 10 सत्र के तहत इस पूरी बैठक का आयोजन किया जाएगा. 2 सत्र राष्ट्राध्यक्ष या शासन अध्यक्ष स्तर के होंगे वहीं, बाकी बचे 8 सत्र मंत्री स्तरीय होंगे. प्रमुखों के सत्र की मेजबानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.
इन विषयों पर आधारित होंगे कार्यक्रम
जनवरी 12 को होने वाले प्रमुखों के सत्र का विषय 'ग्लोबल साउथ की आवाज और मानव केंद्रित विकास' होगा. वित्त मंत्रियों का भी सत्र होगा, जिसकी थीम लोगों को केंद्र में रखकर चलाई जाने वाली योजनाओं का वित्तपोषण होगा. 13 जनवरी को 5 सत्र होंगे. इनमें से कई समानांतर सत्र होंगे. इनमें ऊर्जा को केंद्र में रखते हुए भी सत्र आयोजित किया जाएगा.
विकासशील देशों की चिंताओं को उठाने का प्रयास
विदेश सचिव विनय क्वात्रा के मुताबिक यह कोशिश है कि कमजोर अर्थव्यवस्था वाले देशों की आवाज को बेहतर और साझा प्रयासों के साथ वैश्विक मंच पर उठाया जा सके. इसके जरिए ग्लोबल साउथ कहलाने वाले विकासशील देशों की चिंताओं को कारगर तरीके से उठाने की भी कोशिश है. विदेश सचिव के मुताबिक, यह उन देशों को भी वैश्विक संवाद में शामिल करने का प्रयास है जो औपचारिक तौर पर G20 प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हैं. भारत इन तमाम देशों से G20 अध्यक्षता के लिए सुझाव भी आमंत्रित करेगा.
चीन-पाकिस्तान को भेजा जाएगा निमंत्रण?
चीन, पाकिस्तान, यूक्रेन जैसे देशों को न्यौता भेजने के सवाल पर विदेश सचिव ने कहा, "निमंत्रण भेजे जा रहे हैं और अगले कुछ दिनों में हम बता पाएंगे कि किन-किन देशों के राष्ट्राध्यक्ष या अन्य कोई प्रतिनिधित्व करेंगे. अभी निमंत्रण भेजे जा रहे हैं. इस शिखर बैठक के बाद इसमें हुई चर्चाओं पर एक पत्र भी जारी किया जाएगा."
ये भी पढ़ें-जम्मू-कश्मीर: क्या हैं ग्राम रक्षा समितियां, आतंकी हमलों के बीच क्यों हो रही है इनकी बात