भारत अब फाइटर जेट इंजन बनाने की दिशा में आत्मनिर्भर बनने जा रहा है. फांस के साथ मिलकर भारत अपने स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर जेट के लिए नया पावरफुल जेट इंजन डेवलप करेगा, जिससे दोनों देशों के बीच की रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होगी.

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भारत और फ्रांस की मशहूर कंपनी Safran मिलकर 120 KN का शक्तिशाली इंजन बनाएंगे, जो भारतीय वायुसेना को हाइपर पावर देगा. भारत के इस कदम से अमेरिका को तगड़ा झटका लगा क्योंकि ट्रंप प्रशासन इस प्रोजेक्ट की उम्मीद लगाए बैठा था. अमेरिका को लग रहा था कि इस प्रोजेक्ट के लिए भारत GE 414 इंजन खरीदेगा, लेकिन भारत ने Safron के साथ डील फाइनल कर ली है. 

भारत को 100% टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करेगा फ्रांस

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रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) जल्द ही इस प्रोजेक्ट को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी के पास मंजूरी के लिए भेजेगा. इस परियोजना में फ्रांस की बड़ी कंपनी Safran भारत को 100 फीसदी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करेगी, ताकि भारत में ही 120 किलोन्यूटन के नए इंजन को डेवलप, डिजाइन, टेस्ट, सर्टिफाई और प्रोड्यूस किया जा सकेगा.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया, 'DRDO ने Safran के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जो भारत में पहले से ही अलग-अलग तरह के हेलीकॉप्टर इंजन बनाता है. पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान (AMCA) के लिए सबसे अच्छा विकल्प है. इस परियोजना पर लगभग 7 अरब डॉलर की लागत आएगी.'

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डील की पुष्टि की

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार (22 अगस्त 2025) को द इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम में बोलते हुए इस परियोजना की पुष्टि की. उन्होंने कहा, 'हमने अपने पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट बनाने की दिशा में कदम आगे बढ़ा दिए हैं. हम भारत में ही जेट के इंजन के निर्माण की दिशा में भी आगे बढ़े हैं. हम फ्रांस की कंपनी Safran के साथ मिलकर भारत में इंजन निर्माण का काम शुरू करने वाले हैं.'

अमेरिकी कंपनी को लगा झटका

इस प्रोजेक्ट के लिए यूके की Rolls Royce और अमेरिका की GE जैसी दिग्गज कंपनियां भी दावेदारी कर रही थीं. फ्रांस के साथ इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का मतलब साफ है कि शुरुआती AMCA यूनिट्स GE-414 इंजन से उड़ान भरेंगे.

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