नई दिल्ली: एलएसी पर चल रही तनातनी के बीच भारत ने वियतनाम से समुद्री-डाटा साझा करने का एक बड़ा समझौता किया है. इस हाईड्रोग्राफिक-एग्रीमेंट के तहत दोनों देश एक दूसरे के साथ समुद्री डाटा साझा करेंगे जो नेविगेशनल चार्ट्स बनाने में मदद कर सकेगा. शुक्रवार को भारत और वियतनाम के रक्षा मंत्रियों के बीच हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान इस पर हस्ताक्षर हुए. गौरतलब है कि वियतनाम का साउथ चायना सी में चीन के साथ समुद्री-विवाद चल रहा है.


रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वियतनाम के रक्षा मंत्री जनरल नगो शुआन लिच के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान दोनों देशों ने रक्षा-सहयोग को लेकर अपना प्रतिबद्धता जाहिर की जो कि दोनों देशों के बीच सामरिक-साझेदारी का एक बड़ा स्तंभ है.



रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, रक्षा सहयोग की दिशा में ही दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की मौजूदगी में एक हाईड्रोग्राफी-एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके तहत दोनों देश एक दूसरे के साथ हाईड्रोग्राफिक डाटा शेयर करेंगे और नेविगेशनल-चार्ट बनाने में मदद करेंगे. इस तरह का समुद्री-डाटा समंदर में सबमरीन-ऑपरेशन में काफी मदद करता है. आपको बता दें कि वियतनाम का साउथ चायना सी में चीन के साथ समुद्री-विवाद चल रहा है. साथ ही सीमा-विवाद को लेकर चीन और वियतनाम का सत्तर के दशक में युद्ध भी हो चुका है.



जानकारी के मुताबिक, शुकवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भर भारत के तहत रक्षा-क्षेत्र में स्वावलंबी बनने का आहवान किया और कहा कि इससे भारत के मित्र-देशों को भी रक्षा-क्षेत्र में मजबूत होने का मौका मिलेगा. आपको बता दें कि वियतनाम ने भारत की ब्रह्मोस मिसाइल से लेकर ध्रुव हेलीकॉप्टर और एलसीए तेजस विमान खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. सम्मेलन के दौरान वियतनाम के रक्षा मंत्री ने भारतीय सेना द्वारा वियतनामी डिफेंस फोर्सेज़ का मानव संसाधन विकास में मदद के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि वियतनाम भारत के डिफेंस इंस्टीट्यूट्स के साथ ट्रेनिंग करना चाहता है.


वियतनामी रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह को 10 दिसम्बर को होने वाली एडीएमएम-प्लस (आसियान-प्लस डिफेंस मिनिस्टर्स) वर्चयुल मीटिंग के लिए आमंत्रित किया. इस साल एडीएमएम-प्लस की मेजबानी वियतनाम कर रहा है.