Ministry of External Affairs: कनाडा के माल्टन में खालसा डे परेड की झांकियों में भारतीय राजनेताओं के बारे में हिंसक पोस्टर प्रदर्शित करने पर मंगलवार (7 मई) को भारत सरकार ने सख्त विरोध दर्ज कराया. इस दौरान मीडिया के सवालों के जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं, हमने कनाडा में हमारे राजनीतिक नेतृत्व के खिलाफ चरमपंथी तत्वों की ओर से इस्तेमाल की जा रही हिंसक छवियों के बारे में बार-बार अपनी मजबूत चिंताओं को उठाया है.
इस दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि पिछले साल, हमारे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाने वाली एक झांकी का इस्तेमाल एक जुलूस में किया गया था. इसके अलावा पूरे कनाडा में भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा की धमकी वाले पोस्टर भी लगाए गए हैं.
हिंसा का मनाया गया जश्न
प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हिंसा का जश्न मनाना और उसका महिमामंडन करना किसी भी सभ्य समाज का हिस्सा नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक देश जो कानून के शासन का सम्मान करते हैं, उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कट्टरपंथी तत्वों की ओर से डराने-धमकाने की इजाजत नहीं देनी चाहिए. हम कनाडा में अपने राजनयिक प्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर काफी परेशान हैं.
अलगाववादी तत्वों को आश्रय देना बंद करे कनाडा सरकार- विदेश मंत्रालय रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि कनाडा सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि वे बिना किसी डर के अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में सक्षम हों. ऐसे में हम कनाडा सरकार से फिर से अपील करते हैं कि वह कनाडा में आपराधिक और अलगाववादी तत्वों को सुरक्षित आश्रय और राजनीतिक जगह देना बंद करे.
खालसा दिवस पर भी लगे थे नारे
पिछले रविवार को टोरंटो में एक कार्यक्रम में जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जनसभा को संबोधित किया था. उस दौरान भीड़ में खालिस्तान समर्थकों के नारे लगाए गए थे. खालसा दिवस समारोह में खालिस्तान समर्थक नारे लगाए गए थे. ट्रूडो ने अपने भाषण में सिख समुदाय को आश्वासन दिया कि कनाडाई सरकार हर कीमत पर उनके अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करेगी.
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