भारत के अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 4,092 विधायकों की संपत्ति का विश्लेषण सामने आया है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की तरफ से जारी रिपोर्ट दिखाती है कि भारतीय राजनीति में आर्थिक असमानता कितनी गहरी है. एक तरफ कई विधायक करोड़ों की संपत्ति रखते हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे जनप्रतिनिधि भी हैं जिनकी घोषित संपत्ति आम परिवारों से भी कम पाई गई.

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रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल के भाजपा विधायक निर्मल कुमार धारा देश के सबसे कम संपत्ति वाले विधायक हैं. उन्होंने अपने हलफनामे में केवल 1700 रुपये की संपत्ति दर्ज की, जिससे वे पूरे देश में सबसे गरीब विधायक के रूप में सामने आए.

शीर्ष 10 सबसे कम संपत्ति वाले विधायक

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सबसे कम संपत्ति वाले सूची में पंजाब, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, त्रिपुरा, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे अलग-अलग राज्यों के विधायक शामिल हैं. इनमें कई ऐसे नाम भी हैं, जो बेहद साधारण बैकग्राउंड से आते हैं.उदाहरण के तौर पर पंजाब के दो आम आदमी पार्टी विधायकों ने भी बहुत कम संपत्ति घोषित की है, जो दिखाता है कि धन-संपत्ति और राजनीति का समीकरण हर जगह एक जैसा नहीं होता.

कौन-सा राज्य सबसे कम संपन्न? त्रिपुरा सबसे नीचे

ADR के विश्लेषण में त्रिपुरा वह राज्य बना जहां सभी विधायकों की कुल घोषित संपत्ति सबसे कम है. पूरे राज्य के विधायकों की संयुक्त संपत्ति मुश्किल से 90 करोड़ रुपये तक पहुंचती है. इसके उलट दक्षिण भारत के राज्य विशेष रूप से आंध्र प्रदेश और कर्नाटक औसत संपत्ति के मामले में सबसे ऊपर पाए गए. यह अंतर इस बात की ओर संकेत करता है कि भारतीय राज्यों की आर्थिक संरचना और राजनीति दोनों ही क्षेत्रों में भारी विविधता मौजूद है.

रिपोर्ट क्यों मानी जा रही महत्वपूर्ण?

यह अध्ययन न केवल व्यक्तिगत संपत्तियों का लेखा-जोखा देता है, बल्कि यह भी बताता है कि भारत में राजनीति करने वाले लोगों की आर्थिक पृष्ठभूमि एक जैसी नहीं है. जहां एक ओर कई नेता बड़ी पूंजी और मजबूत संसाधनों के साथ राजनीति में सक्रिय हैं, वहीं दूसरी ओर बहुत से ऐसे प्रतिनिधि भी हैं जिनके पास सीमित आर्थिक साधन हैं.

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