Medically Certified Deaths in India: देश में साल 2020 में डॉक्टर्स से प्रमाणित (Medically Certified Deaths) की गई 18,11,688 लोगों की मौत में से 1,60,618 लोगों की जान कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की वजह से गई थी. डॉक्टरों द्वारा प्रमाणित मौतों की श्रेणी में कोविड-19 (Covid-19) संक्रमण को मौत के तीसरे सबसे बड़े कारण के रूप में दर्ज किया गया. वही दिल से संबंधित बीमारियों (Heart Diseases) की वजह से सबसे अधिक संख्या में मौतें हुईं. भारत के महापंजीयक कार्यालय ने बुधवार को जारी रिपोर्ट में ये जानकारी दी है. 


भारत के महापंजीयक कार्यालय (India Registrar General) से बुधवार को जारी मौत की वजहों की मेडकल सर्टिफिकेशन रिपोर्ट-2020 में यह भी कहा गया है कि चिकित्सकों द्वारा प्रमाणित मौत के मामलों में 42 फीसदी का कारण दिल की बीमारियां, निमोनिया और दमा संबंधी बीमारियां थीं. दिल की बीमारियों, निमोनिया (Pneumonia) और अस्थमा ने मिलकर 2020 में देश में पंजीकृत कुल 18,11,688 मौतों में से 42 फीसदी से अधिक लोगों की जान ली.


2020 में कोरोना से 9 फीसदी लोगों की गई जान


हालांकि देश में पंजीकृत मौतों की कुल संख्या 81,15,882 थी. भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त, कोविड -19 द्वारा तैयार की गई 'मृत्यु 2020 के मेडिकल प्रमाणन पर रिपोर्ट' के अनुसार कोविड महामारी से लगभग 9% लोगों की जान गई. यह संख्या 1,60,618 है. वहीं सर्कुलेटरी सिस्टम से संबंधित के रोगों ने 32.1 फीसदी लोगों की जान ली. वहीं श्वसन प्रणाली से संबंधित रोग 10 फीसदी मौतों के लिए जिम्मेदार थे. निमोनिया, अस्थमा और संबंधित बीमारियों से होने वाली मौतों को 'श्वसन तंत्र के रोगों' के कारण होने वाली मौतों की संज्ञा दी गई.


महाराष्ट्र में कोरोना से सबसे अधिक मौत


साल 2020 में महाराष्ट्र में कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं और इसके बाद मणिपुर और उत्तर प्रदेश का नंबर रहा. साल 2020 में देश में कोविड-19 से कुल 1.6 लाख लोगों की मौत हुई थी. देश में साल 2020 में कुल रजिस्टर्ड मौतों की संख्या 81,15,882 थी जिनमें से 18,11,688 डॉक्टरों से प्रमाणित की गई मौतें थीं.


मृत्यु प्रमाणीकरण में सुधार?


भारत में पंजीकृत मौतों (Registered Deaths) में से तीन-चौथाई से अधिक बिना कारण के चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित (Medically Certified Deaths) हैं. हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर मृत्यु के प्रमाणीकरण (Certification of Deaths) में मामूली सुधार हुआ है, 2019 में यह अनुपात 20.7 प्रतिशत से बढ़कर 2020 में 22.5% हो गया है, कई राज्यों में स्थिति और खराब हुई है. बिहार में पहले से ही 2019 में कारण के प्रमाणीकरण का निम्नतम स्तर 5.1% था, लेकिन यह और भी कम 3.4% हो गया. 


झारखंड (6.1%), मध्यप्रदेश (6.7%) और नागालैंड (7.6%) हैं. गोवा और मणिपुर में रजिस्टर्ड मौतों का 100% प्रमाणीकरण है, लक्षद्वीप 99.7% पर है. बड़े राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में, दिल्ली में 56.6%, तमिलनाडु में 43% और महाराष्ट्र (Maharashtra) में 42.8% केवल वही हैं जहाँ एक तिहाई या अधिक पंजीकृत मौतों (Registered Deaths) को कारण के लिए प्रमाणित किया गया था.


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