Myanmar Earthquake: म्यांमार में आए भूकंप के बाद भारत ने ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू किया, जिसकी अब दुनियाभर में चर्चा होने लगी है. इसके तहत तहत भूकंप पीड़ितों को राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है. विदेश मंत्रालय ने शनिवार (29 मार्च 2025) को कहा कि ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत भारत ने पड़ोसी देश में दो नौसैनिक जहाज भेजे हैं. उन्होंने कहा कि एक फील्ड अस्पताल को भी एयर लिफ्ट कर म्यांमार भेजा जाएगा.

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ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत भेजी जा रही मदद

म्यांमार में शुक्रवार दोपहर को 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, सागाइंग के पास आए इस भूकंप के बाद 2.8 से 7.5 तीव्रता के 12 झटके महसूस किए गए, जिससे प्रभावित इलाकों में हालात और खराब हो गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि एक करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में, भारत इस मुश्किल घड़ी में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, खोज और बचाव दल को प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से भेजा जा रहा है.

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ऑपरेशन का नाम ब्रह्मा क्यों रखा गया?

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि ऑपरेशन के इस विशेष नाम (ब्रह्मा) का एक विशेष अर्थ है. उन्होंने कहा, "आज हमने ऑपरेशन ब्रह्मा लॉन्च किया. ब्रह्मा सृजन के देवता हैं, ऐसे समय में हम म्यांमार सरकार और म्यांमार के लोगों को तबाही के बाद अपने देश के पुनर्निर्माण में मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं."

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, "15 टन राहत सामग्री लेकर पहला विमान हिंडन एयरफोर्स बेस से सुबह करीब 3 बजे उड़ा. यह सुबह करीब 8 बजे भारतीय समयानुसार यांगून पहुंचा. हमारे राजदूत राहत सामग्री लेने के लिए वहां गए थे और उसके बाद उन्होंने इसे यांगून के मुख्यमंत्री को सौंप दिया."

जान बचाने वाली मशीनें म्यांमार भेजी गई

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि 80 सदस्यीय एनडीआरएफ की टीम बचाव कार्य में सहायता के लिए म्यांमार रवाना हुए. वहीं कई मेडिकल से जुड़ी कई मशीनों को भी म्यांमार भेजा गया है. भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री 40 टन मानवीय सहायता लेकर यांगून बंदरगाह भेजा गया.

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