नई दिल्ली: सरकार देश को डाटा विश्लेषण के एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करने के काम को बढ़ावा देना चाहती है. लेकिन सूचना और प्रौद्योगिकी एवं काननू मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर कंपनियां सूचनाओं का दुरुपयोग कर के भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश करेगी तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

प्रसाद का यह बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि जांच एजेंसी सीबीआई ने सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म फेसबुक से भारतीयों के निजी डाटा को गैरकानूनी तरीके से जुटाने के मामले में फेसबुक, कैंब्रिज एनालिटिका और ग्लोबल साइंस रिसर्च को पत्र लिखे हैं. सीबीआई ने इन कंपनियों से आंकड़ा जुटाने के उनके तौर तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी मांगी है.

प्रसाद ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि भारत आंकड़ों के विश्लेषण का एक बड़ा केंद्र बने, लेकिन यदि कोई कंपनी डाटा का दुरुपयोग कर लोकतंत्र को प्रभावित करने का प्रयास करती है, तो हम कार्रवाई करेंगे. हम इसको स्वीकार नहीं करेंगे.’’

‘स्वच्छता अभियान’ के तहत एक साफ सफाई अभियान के मौके पर प्रसाद ने बातचीत में कहा कि फेसबुक ने पहले ही माफी मांगते हुए कथित डाटा उल्लंघन में सुधार कर कार्रवाई की बात कही है, लेकिन कैंब्रिज एनालिटिका ने अपना जो शुरुआती जवाब दिया था उसके बाद उसने इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

रवि शंकर प्रसाद ने कहा, ‘‘ऐसे में हमने इसे जांच के लिए सीबीआई के पास भेजा है. अब सीबीआई अपना काम करेगी. पूरी ईमानदारी के साथ.’’ भारत पहले ही डाटा सुरक्षा नियमों को कड़ा करने की प्रक्रिया में है. न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्ण की अगुवाई वाली उच्चस्तरीय समिति ने निजी डाटा के सुरक्षा विधेयक का मसौदा सरकार को सौंपा हैं.

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय विधेयक के मसौदे पर आम लोगों की राय जुटाने की प्रक्रिया में है. समझा जाता है कि मंत्रालय इस विधेयक को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करना चाहता है.

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