India Covid News: कोरोना वायरस के संक्रमण में तेजी के बीच भारत सरकार इसकी रोकथाम के उपाय करने में जुटी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड गाइडलाइन (Covid Guidelines) को सख्‍त करते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने के लिए कहा है. नए कोरोना वायरस (Coronavirus) वेरिएंट का जल्द पता लगाना और उन वेरिएंट के कारण होने वाले संक्रमणों की रोकथाम का प्रयास सरकार के हालिया उपायों में से एक है. घटनाक्रम से वाकिफ अधिकारियों के मुताबिक, सरकार ने वैश्विक स्तर पर कोरोना मामलों में उछाल के बीच इस ओर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है.

कोरोना वायरस (Covid 19) का जो सब-वेरिएंट देश में पाया गया है, वो ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट BF.7 है, यह चीन (China) में पिछले साल जुलाई से सामने आया और फिलहाल वहां इसके केस ही ज्‍यादा मिल रहे हैं. अब तक भारत में इसके कम से कम चार केस रिपोर्ट किए गए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक नए वैरिएंट के संकेत नहीं मिलते तब तक चिंता करने की कोई बात नहीं है. 

'ओमिक्रोन सब-वैरिएंट उतना खतरनाक नहीं'केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “अब तक देश में मिला कोरोनावायरस का सब-वैरिएंट काफी हद तक ओमिक्रॉन के पुराने रूप से मिलता-जुलता है, इसलिए घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हम ओमिक्रॉन से संक्रमित आबादी का बड़े पैमाने पर पहले ही वैक्‍सीनेशन कर चुके हैं.'' अधिकारी ने आगे कहा, "अब सरकार के निगरानी उपायों का फोकस नए वेरिएंट की शुरुआती ट्रैकिंग और उन नए वेरिएंट के प्रभाव की क्लस्टरिंग पर होगा."

Sars-CoV-2 वैरिएंट पर भी नजरकेंद्र सरकार ने हाल ही में संशोधित कोविड गाइडलाइन का सेट रिलीज किया, जिसमें कोरोना मामलों का जल्द पता लगाने, आइसोलेशन, संदिग्ध और पुष्ट मामलों के समय पर निपटारे पर ध्यान केंद्रित किया गया है. सरकार की ओर से Sars-CoV-2 वैरिएंट के प्रकोप का पता लगाने, उसे रोकने और मॉनिटरिंग करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है. 

सरकार का एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रमसरकार की नजर मौजूदा एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) के अंतर्गत कोविड-सर्विलांस को पूरी तरह से लागू करने पर है जो देश में सभी प्रकार के मामलों ​​​​को ट्रैक करता है. अधिकारी के अनुसार, सभी राज्य और जिला सर्विलांस ऑफिसर संबंधित स्‍टेकहोल्‍डर्स के साथ समन्वय रखते हुए सर्विलांस में शामिल होंगे.

सर्विलांस उपायों की कड़ी में, देश में आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर नजर रखी जाएगी ताकि दूसरे देशों में फैल चुके कोरोना के विभिन्‍न वेरिएंट के बारे में पता लगाया जा सके और मरीजों को एयरपोर्ट पर ही कोरोना-मुक्‍त किया जा सके. 

अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट से आने वाले यात्रियों की विशेष जांचअधिकारी ने कहा कि सरकार अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के आरटी-पीसीआर टेस्‍ट करते हुए हर फ्लाइट से रैंडम टेस्‍ट के 2% सैंपल भी लेगी, चाहे उनके प्रस्थान का ठिकाना कुछ भी हो और सभी पॉजिटिव सेंपल को जीनोमिक स‍ीक्‍वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा. कोविड पॉजिटिव पाए जाने वाले सभी लोगों को तय गाइडलाइन के मुताबिक निगरानी में या क्‍वारंटीन में रखा जाएगा.

सरकार से जुड़े अधिकारी ने यह भी बताया कि स्वास्थ्य सुविधा-आधारित निगरानी के तहत बीमारियों के प्रकोप से निपटने का एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) की मॉनिटरिंग करेगा. अधिकारी ने कहा कि सभी ILI और SARI सर्विलांस डेटा को एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) के तहत दर्ज किया जाएगा.

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