Jaishankar on G20 Summit:  विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने गुरुवार (1 दिसंबर) को कहा कि जी-20 (G-20) की अध्यक्षता के दौरान भारत ‘खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा, समतामूलक स्वास्थ्य समाधान सहित तात्कालिक महत्व के उन विषयों पर समूह के सदस्य देशों का समर्थन जुटाएगा, जिसका सामना कोविड के बाद दुनिया को करना पड़ रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान समय की बड़ी चुनौतियों का समाधान एक दूसरे से लड़ाई करके नहीं बल्कि मिलकर काम करके ही निकाला जा सकता है. ऐसे में G-20 समूह में भारत का एजेंडा ‘समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्योन्मुखी और निर्णायक’ होगा.


भारत नो किया G-20 का अध्यक्षता ग्रहण


ज्ञात हो कि भारत ने एक दिसंबर को जी-20 समूह की औपचारिक अध्यक्षता ग्रहण की. ‘‘जी-20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट : इंगेजिंग यंग माइंड्स’’ विषय पर अपने संबोधन में जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत का काम केवल बात कहने तक ही सीमित नहीं होगा बल्कि सामूहिक कार्रवाई पर जोर दिया जाएगा.’’


उन्होंने कहा कि G-20 की अध्यक्षता हमें दुनिया के समक्ष अपनी कहानी को पेश करने तथा ग्लोबल साउथ क्षेत्र की आवाज को प्रस्तुत करने का मौका प्रदान करती है जो अब तक उपेक्षित रही है. उन्होंने कहा कि एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका के ऐसे देश अपनी आवाज उठाने के लिए भारत पर भरोसा करते हैं और ईंधन, खाद्य सुरक्षा जैसे मुद्दों पर हमने उनकी बात उठाई भी है.


भारत G-20 की अध्यक्षता पर बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर


विदेश मंत्री ने कहा कि जलवायु कार्यवाही और जलवायु न्याय को लेकर हमारी प्रतिबद्धता मजबूत है. जयशंकर ने कहा कि भारत जी-20 समूह की अध्यक्षता ऐसे समय में ग्रहण कर रहा है जब कोविड (COVID) के कारण विकासशील देशों को आर्थिक एवं सामाजिक तबाही का सामना करना पड़ा है और टिकाऊ विकास लक्ष्य (एसडीजी) कमतर हुए हैं. वहीं  विकसित एवं विकासशील देशों के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र में खाई उत्पन्न हो गई है. जयशंकर ने कहा कि इसके साथ ही यूक्रेन संकट का प्रभाव ईंधन, खाद्य और उर्वरक की उपलब्धता एवं वहनीयता संबंधी दबाव के रूप में सामने है. इसके अलावा दीर्घकालिक रूप से कठिन जलवायु परिस्थिति के साथ ही आतंकवाद एवं कालाधन से जुड़ी चुनौती भी सामने है.


विदेश मंत्री ने कहा G-20 एक प्रमुख संस्था है


विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘जी-20 एक प्रमुख संस्था है जो वित्तीय, आर्थिक एवं विकास से जुड़े उन मुद्दों से निपटने पर विचार करती है जिसका सामना दुनिया कर रही है. इस कठिन परिस्थिति में दुनिया के नेताओं को सही मुद्दों पर ध्यान केंद्रीत करना चाहिए.’’


उन्होंने कहा कि हमें समस्याओं का व्यवहार्य समाधान प्रस्तुत करना है और कई मामलों में भारत का उदाहरण दुनिया के लिये अनुकरणीय है. विदेश मंत्री ने इस संबंध में डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अंतिम छोर तक आपूर्ति को सुगम बनाने, स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी, हरित एवं स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र के महत्व को रेखांकित किया .


भारत समसामयिक विषयों पर भी बात रखेगा


विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि जी-20 समूह की अध्यक्षता के दौरान भारत न केवल सभ्यतागत एवं सांस्कृतिक धरोहर पर ध्यान केंद्रित करेगा बल्कि समसामयिक विषयों पर भी अपनी बात रखेगा. उन्होंने कहा कि जलवायु कार्यवाही को जनभागीदारी बनाकर ही इसके लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है. समूह की अध्यक्षता के दौरान भारत ‘पर्यावरण के लिये लाइफ स्टाइल’ पर जोर देगा.


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