गुरुग्राम में रविवार (02 मार्च, 2025) को भारत के पहले विश्व शांति केंद्र का उद्घाटन हुआ. इस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मौजूद रहे. वहीं, पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किए गए. इस मौके पर आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर, संत मोरारी बापू और अवधेशानंद गिरि महाराज भी मौजूद रहे. इस कार्यक्रम में दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को भी आना था लेकिन वो नहीं आ पाईं. साथ ही योग गुरु स्वामी रामदेव भी कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके. हालांकि, उनका वीडियो संदेश सुनाया गया.

राजस्थान के आचार्य लोकेश मुनि के मार्गदर्शन में बना ये केंद्र भारत का पहला विश्व शांति केंद्र है. इस दौरान अपने संबोधन में आचार्य लोकेश मुनि ने कहा, 'ये केंद्र विश्व में शांति का पाठ पढ़ाएगा ये इंस्टीट्यूट शांति का संदेश देगा. वासुदेव कुटुंब को धरातल पर उतारेगा. इंसान को बेहतर इंसान बनाने के लिए महिला के सशक्तिकरण के लिए काम करेगा और अहिंसा की सिर्फ बात नहीं उस दिशा में काम करेगा.' संत मोरारी बापू ने अभिभूत होकर कहा,'आपके वैश्विक कार्य के लिए मैं आचार्य लोकेश मुनि जी के लिए 9 दिनों की कथा का आयोजन करूंगा.'

शांति को बढ़ावा देने की अनूठी पहलइस केंद्र की स्थापना अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य लोकेश मुनि द्वारा की गई है. इसका उद्देश्य समाज में शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर चर्चा करना है. यह केंद्र आध्यात्मिकता, सामाजिक सुधार और शांति स्थापित करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा.

'नशा मुक्ति के लिए कार्यशालाएं चलाई जाएंगी'हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपने भाषण में कहा, 'यह शुभ अवसर सिर्फ भारत के लिए नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए है. यह एक भवन या परिसर नहीं बल्कि संकल्प साकार हुआ है. अहिंसा विश्व भारती समिति द्वारा लिया गया विश्व शांति का संकल्प है. आचार्य लोकेश मुनि ने अपने जीवन को अहिंसा और शांति के प्रचार प्रसार के लिए समर्पित किया है. यह संस्था अंधकार में रोशनी का काम करेगी. शांति, सद्भाव, दया करुणा जैसे आदर्शों की स्थापना यह संस्थान करेगा. यह शांति की विचारधारा का प्रतीक है.नशा मुक्ति, ध्यान, शांति के लिए कार्यशालाएं चलाई जाएंगी.' 

केंद्र की विशेषताएंविश्व शांति केंद्र में ध्यान और योग की विशेष व्यवस्थाएं होंगी. इसके अलावा, यहां विभिन्न संगोष्ठियों और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, जहां शांति और सद्भावना से जुड़े विषयों पर चर्चा होगी. इस पहल के जरिए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया जाएगा. गुरुग्राम में स्थित यह केंद्र भविष्य में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति प्रयासों का प्रमुख केंद्र बन सकता है.

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