India Canada Tension: भारत और कनाडा में खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर विवाद चल रहा है. इस बीच अमेरिकी दूतावास ने गुरुवार (5 अक्टूबर) को उस खबर को खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि नई दिल्ली के कनाडा के साथ राजयनिक विवाद से भारत-अमेरिका के रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया था कि ये आशंका जताते हुए यूएस के राजदूत एरिक गार्सेटी ने अपनी टीम को सतर्क किया था.


अमेरिकी मीडिया संस्थान द पॉलिटिक’ ने खबर दी कि गार्सेटी ने यह भी कहा था कि अमेरिका को भारतीय अधिकारियों के साथ अपने संपर्कों को अनिर्धारित अवधि के लिए कम करने की भी जरूरत है.


इस रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा, “अमेरिकी दूतावास इन खबरों को खारिज करता है. राजदूत गार्सेटी अमेरिका और भारत के लोगों और सरकारों के बीच साझेदारी को गहरा करने के लिए हर दिन कड़ी मेहनत कर रहे हैं.”


अमेरिका ने क्या कहा?
अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने आगे कहा, “ उनके निजी जुड़ाव और सार्वजनिक कार्यक्रम दिखाते हैं कि राजदूत गार्सेटी और भारत में अमेरिकी मिशन भारत के साथ हमारी अहम और रणनीतिक साझेदारी आगे बढ़ाने के लिए हर दिन काम कर रहे हैं.”


कनाडा ने क्या आरोप लगाया था?
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की जून में की गई हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता की ‘संभावना’ है. इसके बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव आ गया था. 


भारत ने आरोपों को बेतुका' और 'प्रेरित' बताकर खारिज कर दिया और जैसे को तैसा के तहत कनाडा के एक वरिष्ठ राजनयिक को निष्कासित कर दिया था, क्योंकि ओटावा ने भी भारतीय राजनयिक को निष्कासित किया था. 


मामला क्या है?
‘द पॉलिटिको’ ने एक अज्ञात अधिकारी के हवाले से खबर दी थी, “ गार्सेटी ने अपनी टीम से कहा था कि कनाडा के साथ राजनयिक विवाद की वजह से भारत और अमेरिका के रिश्ते कुछ समय के लिए खराब हो सकते हैं.”


व्हाइट हाउस ने मंगलवार (3 अक्टूबर) को कहा था कि अलगाववादी की हत्या में भारत की संलिप्तता को लेकर कनाडा के आरोप गंभीर हैं और इनकी अच्छी तरह से जांच करने की जरूरत है. 


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