India Blasts Pakistan in UN: भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) की बैठक में कश्मीर को लेकर पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाई. इस बैठक में पाकिस्तान को एक विफल देश बताया और कहा कि वो अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भर है. भारतीय राजनयिक क्षितिज त्यागी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा बने रहेंगे.
भारतीय राजनयिक ने कहा कि पिछले कुछ सालों में जम्मू-कश्मीर में अभूतपूर्व राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक प्रगति खुद ही वहां के हालात बयां करती है. ये सफलताएं दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्र में सामान्य स्थिति लाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता में लोगों के विश्वास का प्रमाण है.
त्यागी ने कहा, 'भारत पाकिस्तान द्वारा किए गए निराधार और दुर्भावनापूर्ण संदर्भों का जवाब देने के अपने अधिकार का प्रयोग कर रहा है. पाकिस्तान के तथाकथित नेताओं और प्रतिनिधियों को अपने सैन्य आतंकवादी परिसर द्वारा सौंपे गए झूठ को फैलाते हुए देखना खेदजनक है.'
पाकिस्तान ने UN में क्या कहा था?
संयुक्त राष्ट्र को पाकिस्तान के मानवाधिकार मंत्री आजम नजीर तरार ने दावा किया था कि कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है, जिसे रोका जाना चाहिए. उन्होंने कहा था कि लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार से लगातार इनकार किया जा रहा है. इसके जवाब में भारत ने कश्मीर में प्रगति और विकास का हवाला दिया और कश्मीर पर अपनी संप्रभुता दोहराई.
अपना घर संभाले पाकिस्तान, भारत की दो टूक
भारतीय राजनयिक ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान को अपने लोगों को वास्तविक शासन और न्याय देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. त्यागी ने कहा, 'एक देश के रूप में जहां मानवाधिकारों का हनन, अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न और लोकतांत्रिक मूल्यों को ताक पर रखकर पाकिस्तान अपनी नीतियां बनाता है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी घोषित किए गए लोगों को बेशर्मी से पनाह देता है. वो पाकिस्तान किसी को लेक्चर देने की स्थिति में नहीं है.
भारत से कुछ सीख ले पाकिस्तान: राजनयिक
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा, 'इसकी बयानबाजी से पाखंड, इसके कृत्य से अमानवीयता और इसके शासन में अक्षमता की बू आती है. भारत का ध्यान लोकतंत्र, प्रगति और अपने लोगों के लिए सम्मान सुनिश्चित करने पर केंद्रित है, जिन्हें पाकिस्तान को भारत से सीखना चाहिए.'
एस जयशंकर ने क्या कहा था?
बीते सोमवार को संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि भारत ने आतंकवाद से निपटने में दृढ़ और समझौता न करते हुए हमेशा मानवाधिकारों वैश्विक प्रचार और संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाई है.