नई दिल्ली: चीनी साइबर सेंध पर लगाम कसने की कवायदों में भारत सरकार ने एक बार फिर चाइनीज़ मोबाइल एप्लिकेशन पर पाबंदी की कैंची चलाई है. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 43 मोबाइल एप्लिकेशंस के इस्तेमाल पर रोक लगाई है. लगातार तीसरी बार की गई इस कार्रवाई के साथ सरकार अब तक 220 चीनी मोबाइल एप्स को भारत में प्रतिबंधित कर चुकी है.


सीमा पर चीन की तरफ से जारी दादागिरी के बीच भारत की तरफ से शुरू हुई साइबर पलटवार की इस कवायद में जून से अब तक तीन बार इस तरह का कदम उठाया गया है. सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 69-ए के तहत की गई कार्रवाई में जिन एप्लिकेशन्स का भारत में इस्तेमाल बैन किया गया है उनमें से चीनी कंपनी अलीबाबा डॉट कॉम से भी जुड़े हैं.


इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक 43 मोबाइल एप्स पर बैन का यह कदम भारतीय नागरिकों से जुड़ी जानकारियों की सुरक्षा और भारत के हितों की हिफाजत के लिए उठाया गया है.


सरकारी अधिकारियों के मुताबिक मोबाइल एप्लिकेशन्स पर पाबंदी का कदम इनके बारे में भारत की रक्षा, सम्प्रभुता और अखंडता को प्रभावित करने वाली गतिविधियों में लिप्तता सामने आने का बाद लिया गया. इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय के सायबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर से मिली रिपोर्ट के बाद प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया.


प्रतिबंधित किए गए मोबाइल एप्स की फेहरिस्त में अली सप्लायर, अलीबाबा वर्कबेंच,आली एक्सप्रेस स्मार्ट शॉपिंग, अली पे कैशियर, लाला मूव इंडिया, स्नेक वीडियो, केमकार्ड, चाइनीज़ सजोशल, वी-डेट, वी-वर्क चाइना, मैंगो-टीवी आदि शामिल हैं.


इससे पहले सरकार ने जून 2020 में टिकटॉक समेत 59 मोबाइल एप्लिकेशन पर प्रतिबंध लगाया था. इसके अलावा 2 सितंबर को 110 अन्य एप्लिकेशंस पर रोक लगाई थी जिनमें से अधिकतर चीन संचालित एप्लिकेशन हैं. इनमें से कई एप्स पर भारतीय नागरिकों का अत्यधिक डेटा जमा करने और खास तौर पर सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के बारे में प्रोफाइलिंग कर जानकारियां बटोरने के आरोप लगे थे.


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