प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त पर आज देश को अवैध प्रवासियों से होने वाले खतरों से बचाने के लिए एक जनसांख्यिकी मिशन की घोषणा की है. उन्होंने नागरिकों को देश की जनसांख्यिकी बदलने की एक साजिश के प्रति सचेत किया. लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

पीएम मोदी ने कहा कि मैं देश को एक चिंता एक चुनौती के प्रति सचेत करना चाहता हूं. एक सोची-समझी साजिश के तहत देश की जनसांख्यिकी को बदला जा रहा है और एक नए संकट के बीज बोए जा रहे हैं. ये घुसपैठिए मेरे देश के युवाओं की आजीविका छीन रहे हैं. वे हमारी बहनों और बेटियों को निशाना बना रहे हैं. वे आदिवासियों को गुमराह कर रहे हैं और उनकी ज़मीनें हड़प रहे हैं. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. 

'उच्चस्तरीय जनसांख्यिकी मिशन शुरू करने का फैसला'उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसांख्यिकी परिवर्तन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं. यह संघर्ष के बीज बोते हैं. कोई भी देश घुसपैठियों के सामने आत्मसमर्पण नहीं कर सकता. फिर हम कैसे कर सकते हैं? ऐसी गतिविधियों को अनुमति न देना हमारे पूर्वजों के प्रति हमारा कर्तव्य है, जिन्होंने हमें एक स्वतंत्र भारत का उपहार दिया. इसलिए मैं लाल किले की प्राचीर से घोषणा करता हूं कि हमने एक उच्चस्तरीय जनसांख्यिकी मिशन शुरू करने का फैसला किया है. यह मिशन भारत पर मंडरा रहे खतरे से निपटेगा.

पिछले दिनों ममता बनर्जी ने सरकार को घेरा थाराष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर पीएम मोदी की ये चेतावनी कहीं ना कहीं ममता बनर्जी की अपनी क्षेत्रीय राजनीति को आगे बढ़ाने की कोशिशों को कमज़ोर करती है. दिल्ली पुलिस द्वारा एक अनुवाद को बांग्लादेशी में लिखा हुआ बताने के बाद ये मुद्दा बंगाली और बांग्लादेशी के बीच एक अप्रत्याशित भाषा युद्ध में भी बदल गया था. 

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस घटना को लेकर बीजेपी पर निशाना साधते हुए मोदी सरकार पर सुनियोजित रूप से विदेशी द्वेष को बढ़ावा देने और जानबूझकर बंगालियों को निशाना बनाने का आरोप लगाया था.

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