नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वाघा बॉर्डर पर होने वाले परेड का इंतजार हर किसी को रहता है. यहां हर दिन देशभक्ति के जज्बात देखने को मिलते हैं. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर परेड और भी खास हो जाता है. हर हाथ में तिरंगा और जुबां पर भारत माता की जय और वंदे मातरम् जैसा नारा होता है. पाकिस्तान तक भारत माता के जयकारे की गूंज पहुंचाने के लिए बीएसएफ ने अपने एक खास जवान को तैनात कर रखा है. 5 सालों से ये जवान वाघा बॉर्डर पर आए लोगों के बीच जोश भरता है.

ये हैं बीएसएफ के जवान अभिषेक. जो पिछले पांच सालों से वाघा बॉर्डर पर लोगों की हौसला आफजाई करते हैं और परेड को रोमांचक बनाते हैं. एक मोटिवेटर के तौर पर वो लोगों में जोश भरते हैं और इसके लिए वो अपने अंदाज में भीड़ की ओर इशारे करते हैं. अभिषेक के हर इशारे पर देशभक्ति का ऐसा समा बंधता है कि हर तरफ सिर्फ भारत माता की जय की गूंज सुनाई देती है. आंखों पर काला चश्मा लगाना वो नहीं भूलते. वो तिरंगा लिए देशभक्तों के साथ खुद भी दौड़ते हैं.

अटारी वाघा बॉर्डर के उस पार पाकिस्तान का भी स्टैंड हैं. वहां भी लोग बैठते हैं. शोर उस ओर से भी आती है. लेकिन अभिषेक जिस तरह से लोगों में देशभक्ति का जज्बा जगाते हैं वो पाकिस्तान की ओर कभी नहीं दिखता. भारत के लोगों की गूंज के आगे पाकिस्तान की आवाज गुम हो जाती है। जरूरत पड़ने पर अभिषेक हाथों में माइक थामकर देशभक्ति में डूबे मतवालों का हौसला बढ़ाते हैं. उनकी एक अपील पर वहां मौजूद भीड़ 'भारत माता की जय' और वंदे मातरम् के जयकारे लगाने लगती है. बीएसएफ जवान अभिषेक झारखंड के रहने वाले हैं और उनके पिता सेना में थे. उन्हें पिता से ही देश सेवा का जूनून मिला.

अभिषेक ने बताया कि सामने पाकिस्तान की भीड़ रहती है और वो चिर प्रतिद्वंदी है तो हमारे भीतर का जोश कई गुना बढ़ जाता है. अभिषेक की हुंकार को देखते हुए करीब पांच साल पहले बीएसएफ ने उन्हें जिम्मेदारी सौंपी थी. बीएसएफ के बड़े अधिकारी भी अपने इस मोटिवेटर की जमकर तारीफ करते हैं.

बीएसएफ के डीआईजी जेएस ओबरॉय ने कहा, ''जोश पैदा करने में बीएसएफ जवान की बड़ी भूमिका होती है. मोटिवेटर की वजह से परेड पूरे ज्जबात के साथ खत्म होता है.'' एक पर्यटक ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि उनकी आवाज सुन देशभक्ति के जज्बे से हम भर जाते हैं. ऐसा लगता है कि हम देश के लिए कुछ भी कर सकते हैं.

अटारी वाघा बॉर्डर को भारतीयों के लिए देशभक्ति का तीर्थ स्थल भी कहा जा सकता है. यहां पहुंचकर हर कोई हाथों में तिरंगा थामकर नाचता-झूमता है. तिरंगे को लहराकर गौरवान्वित महसूस करता है.