IIT JEE Mains Examination Irregularities: प्रशासन कितनी भी कोशिश क्यों ना कर ले लेकिन मुन्ना भाई एमबीबीएस की तर्ज पर गोलमाल करने के तरीके लोग निकाल ही लेते हैं. इसी तरह के एक गोलमाल किए जाने का अनोखा मामला सीबीआई के सामने आया है यह मामला कनिष्ठ इंजीनियर मुख्य प्रवेश परीक्षा JEE Mains 2021 में चल रही धांधली को लेकर है. दिलचस्पी यह है कि इस परीक्षा का आज आखिरी सेशन था. साल 2021 की चल रही कनिष्ठ इंजीनियर प्रवेश परीक्षा मुख्य में एक निजी कंपनी और उसके निवेशकों द्वारा की जा रही अनियमितताओं के आरोप में सीबीआई ने एक मुकदमा दर्ज कर देश के विभिन्न स्थानों में लगभग 20 जगहों पर छापेमारी की.
सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी के मुताबिक, इस मामले में एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड उसके निदेशकों सिद्धार्थ कृष्णा, विश्वेश्वर मणि त्रिपाठी और गोविंद वार्ष्णेय समेत अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले में गुरुवार को दिल्ली एनसीआर, पुणे, जमशेदपुर, इंदौर और बेंगलुरु सहित कुल 20 जगहों पर छापेमारी की गई. इस छापेमारी के दौरान 25 लैपटॉप, 7 पीसी, विभिन्न छात्रों के अंकपत्र, आपत्तिजनक दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ-साथ 30 पोस्ट डेटेड चेक भी बरामद हुए.
इस मामले में आरोप है कि यह कंपनी और उसके निदेशक कनिष्ठ अभियंता मुख्य प्रवेश परीक्षा में ऑनलाइन परीक्षा में हेरफेर कराते थे और इसके बदले में प्रत्येक छात्र से 12 से 15 लाख रुपए तक वसूल करते थे. आरोप के मुताबिक, जो छात्र इनकी हेरा फेरी के जरिए परीक्षा पास करना चाहते थे उन छात्रों से उनकी 10वीं व 12वीं के अंक पत्र, यूजर आई कार्ड, पासवर्ड और पोस्ट डेटेड चेक लिए जाते थे. सीबीआई के मुताबिक यह लोग ऑनलाइन परीक्षा में सोनीपत हरियाणा में चुने हुए परीक्षा केंद्र से रिमोट एक्सेस के माध्यम से छात्रों के प्रश्न पत्रों को हल कर देते थे.
दिलचस्प बात यह भी है कि जो छात्र इन परीक्षा में पास हो जाते थे. उनके पोस्ट डेटेड चेकों को यह आरोपी भुना लेते थे. यानी रिश्वत की रकम वसूल कर लेते थे. अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि उन्होंने जो प्रतियोगी पास नहीं हुए उनकी रकम वापस की या नहीं. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इस मामले में अब मुकदमा दर्ज होने और छापेमारी के बाद हो सकता है कुछ लोग ऐसे भी सामने आए जिनके पैसे इन लोगों द्वारा वापस ही ना किया गया हो. मामले की जांच जारी है.