नई दिल्ली: भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) से हाल ही में बर्खास्त किये गये एक शिक्षक के समर्थन में 'बिना सोचे समझे बयान देने' और इस मामले में सहपाठियों को उकसाने के आरोप में संस्थान के एक छात्र को निलंबित कर दिया गया है. हिंदी पत्रकारिता विभाग के छात्र रोहिन कुमार को 9 जनवरी को संस्थान की अनुशासन समिति की कार्यवाही पूरी होने तक निलंबित कर दिया गया और कॉलेज परिसर में उसके प्रवेश पर रोक लगा दी गई है.

आईआईएमसी के महानिदेशक के जी सुरेश ने बताया कि कोई अच्छा संस्थान इस तरह के 'बिना सोचे समझे बयानों' को बर्दाश्त नहीं कर सकता और इस छात्र ने सीमा लांघ दी थी जिसके कारण उसके खिलाफ ये अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है.

उन्होंने कहा, "वह दूसरे छात्रों को भी उकसाने का प्रयास कर रहा था. हमने उसे प्रथम दृष्टया संस्थान की आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए निलंबित कर दिया. हमने उसे संस्थान से निकाला नहीं है. कोई छात्र उस विषय पर फैसला कैसे सुना सकता है जो मामला अदालत में विचाराधीन है?" वह कॉलेज से बर्खास्त किये गये शिक्षक नरेंद्र सिंह राव के मामले का जिक्र कर रहे थे. राव ने हाल ही में फैसले के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है.

इस बारे में जब रोहिन कुमार से संपर्क किया गया तो उसने ऑनलाइन कोई भी आपत्तिजनक टिप्पणी डालने की बात से इनकार किया है.

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए आईआईएमसी में थोड़ा ही समय हुआ है लेकिन मैं ऑनलाइन मीडिया में लंबे वक्त से लिखता आ रहा हूं. मैंने सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर लिखा और रिपोर्टिंग की बुनियादी बातों का ख्याल रखा. मुझे नहीं पता कि इसमें ऐसी कार्रवाई की क्या जरूरत आन पड़ी. यहां तक कि कॉलेज के गार्ड को भी मेरी तस्वीरें दी गयी हैं ताकि वे मुझे परिसर में प्रवेश से रोक सकें.’’