Ideas of India Summit 2023: एबीपी नेटवर्क के 'आइडियाज ऑफ इंडिया समिट' में मशहूर कवि, गीतकार और लेखक जावेद अख्तर (Javed Akhtar) शामिल हुए. उन्होंने इस दौरान अपनी हाल ही की पाकिस्तान (Pakistan) यात्रा का जिक्र किया. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तान का बनना मानव इतिहास की सबसे बड़ी गलती थी. जावेद अख्तर ने कहा कि मैं हाल में एक फेस्टिवल के लिए पाकिस्तान गया था. वहां मेरा अच्छे से स्वागत किया गया.


उन्होंने बताया कि वहां एक महिला ने मुझसे सवाल किया कि हम तो आपको अच्छे से मिलते हैं, अच्छा समझते हैं, लेकिन आपके यहां हर पाकिस्तानी को आतंकवादी समझा जाता है. मैंने उन्हें कहा कि आप अपना रिकॉर्ड सही कर लीजिए, हमारे देश में आपके कई लोग आएं हैं जिन्हें बेहद इज्जत दी गई है. 


पाकिस्तान का किस्सा सुनाया


मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने बताया कि मैंने कहा कि हमारी ओर से ऐसा नहीं है बल्कि आपके यहां कभी लता मंगेशकर का कार्यक्रम नहीं हुआ. हम आप सबको आतंकी नहीं समझते बाकी मैं मुंबई का रहने वाला हूं, हमारे शहर में जो हुआ था वो आप जानती हैं, और वो लोग नार्वे और इजिप्ट से नहीं आए थे. यहीं घूम रहे हैं, अगर हमें आपसे शिकायत हो तो इसका बुरा मत मानिए. 


"ऐसा लगा जैसे वर्ल्ड वॉर जीतकर आया हूं"


उन्होंने कहा कि इसके बाद जब मैं वापस देश आया तो ऐसा लगा जैसे कि कोई वर्ल्ड वॉर जीतकर आया हूं. लोगों के इतने फोन आए. मैंने सोचा कि ऐसा भी क्या तीर मार दिया, इतनी बात तो कहनी ही पड़ती है. वहां के लोगों ने फिर सरकार से कहा इन्हें वीजा क्यों दिया था. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तान में बहुत लोग ऐसे हैं जो हमारे साथ अच्छे संबंध चाहते हैं.






"पाकिस्तान का बनना मानव इतिहास की सबसे बड़ी गलती"


जावेद अख्तर ने कहा कि अगर कोई किताब लिखी जाए कि मानव ने कौन-कौन से बलंडर किए हैं, तो उसमें पाकिस्तान का बनना भी आएगा. इसका कोई लॉजिक नहीं था, तर्क नहीं था. लेकिन अब ये एक सच्चाई है जिसे हम बदल नहीं सकते. धर्म कभी भी एक देश नहीं बना सकता. अब हम इससे क्या सीख सकते हैं, हम अब वो कर रहे हैं जो वो 70 साल पहले कर चुके. आज आप हिंदू राष्ट्र चाहते हैं. वो नहीं बना सके, दुनिया नहीं बना सकी, आप कैसे बना लोगे? 


पाकिस्तान के आर्थिक संकट पर क्या कहा?


उन्होंने पाकिस्तान के आर्थिक संकट पर कहा कि मुझे तो ऐसा कुछ नजर नहीं आया. हमारे यहां स्लम सामने ही दिख जाते हैं, लेकिन वहां मुझे ऐसा कुछ नहीं दिखा. मुझे उनके शहरों में गरीबी नहीं दिखी. या शायद छिपाकर रखा गया हो, मैं नहीं जानता. 


"कोई अपने देश से प्यार कैसे नहीं कर सकता?"


उन्होंने राष्ट्रवाद के मुद्दे पर कहा कि कैसे कोई अपने देश से प्यार नहीं कर सकता? कोई भी आम इंसान जिस देश में पैदा होता है, पढ़ता है, बड़ा होता है, वो भला कैसे अपने देश से प्यार न करे. मैं जिस देश में पैदा हुआ मुझे उससे प्यार है. मुझे अपने राष्ट्रगान से प्यार है. अगर किसी का राष्ट्रगान पर खड़े होने का मन नहीं करता तो उनमें दिक्कत है.


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