ICMR On Vaccine Century: देश में कोरोना वैक्सीनेशन का आंकड़ा 100 करोड़ के पार हो गया है. इस उपलब्धि को छूने के बाद आइसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि भारत के सभी लोगों की मदद के कारण ही यह संभव हो पाया है. हिदायत देते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना के टीके लगाए जा रहे हैं लेकिन लोगों को अभी भी सतर्क रहने की जरूरत है. 


कितनी बड़ी उपलब्धि है ये?


यह बहुत ही कमाल का अचीवमेंट है सिर्फ हेल्थ केयर वर्कर फ्रंटलाइन वर्कर साइंटिस्ट या सरकार के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है, हर नागरिक के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है और ये सिर्फ भारत के नागरिक नहीं दुनिया के हर एक नागरिक के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है 100 करोड़  टीकाकरण होना.


किस तरीके से यह वैक्सीन रोल आउट हुआ है यह पूरी सरकार की अप्रोच थी फिर चाहे वो हमारे आइसीएमआर ही स्वास्थ्य मंत्रालय हो या सरकार हो हर किसी ने पूरे ताकत से एक साथ मिलकर बहुत काम किया है और अब देखिए 100 करोड लोगों का टीकाकरण हो गया है. एक ऐसी उपलब्धि जिसको आप ऐसे देखे कि स्वास्थ्य मंत्रालय का पहले से ही यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम चल रहा था उसके बाद इसको शुरू किया और यह इतना अच्छा हो रहा है.


वैक्सीनेशन होने से राहत है हमारे लिए अभी भी डर है?


तो हमारा सीरो सर्वे हुआ था उस में दिखाया गया है कि एडल्ट पापुलेशन में सिरोप्रवैलेंस पाया गया और अभी 100 करोड लोगों को टीकाकरण हुआ है तो कुछ राहत तो है लेकिन दूसरे डोज जरूर लगानी है पूरा टीकाकरण होना चाहिए और सभी लोगों को डोज लगनी चाहिए और इस साल थोड़ा सा त्योहारों में बहुत ही सतर्क रहें और बिना वजह के यात्रा ना करें. अगले साल उम्मीद है कि सब कुछ पहले जैसे मना सकेंगे, टीकाकरण के बाद भी सावधानी बरतें, मास्क पहनते रहे , 2 गज की दूरी बनाए रखें यह जरूरी है.


क्या हम एंडेमिक की तरफ बढ़ रहे है?


यह कहना मुश्किल है कि हम एंडेमिक की तरफ जा रहे हैं लेकिन यह कहना चाहूंगा कि अभी दूसरी लहर अभी तक खत्म नहीं हुई है अभी भी कैसे आ रहे हैं कुछ मौतें भी हो रही है तो अभी दूसरी रहरी खत्म नहीं हुई है. अभी नहीं कह सकते है.


क्या तीसरी वेव आ सकती है?


जिस तरह से टीकाकरण हुआ है जिस तरह से सीरो प्रिवलेंस में भी पाया एंटीबॉडी पाई गई है और अगर हम आगे सावधानी बरते हैं तो उम्मीद कम है कि तीसरी लहर आएगी


18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को दी गई वैक्सीन तो बच्चों को कब मिलेगी वैक्सीन?


जब भी कोई वैक्सीन आती है तो उसका रिसर्च होती है. उस का जानवरों पर फिर उसके बाद अलग-अलग चरणों की इंसानों पर ट्रायल होते हैं और फिर जो उसका डाटा होता है इस रिसर्च का उससे ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के पास भेजा जाता है जिस पर एक्सपर्ट कमेटी विचार विमर्श करती है और उसके बाद उस पर विचार विमर्श के बाद आगे बढ़ता है और उसके बाद कोविड की जो नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड के सामने जाता है फिर उसमें देखा जाता है कि किसको दिया जाना है कब तक दिया जाए कैस दिया जाए इस पर चर्चा होगी और उसके बाद के फैसला होगा.


कब तक पूरा हो जाएगा 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का टीकाकरण? 


हम चाहते हैं कि कम से कम वयस्क आबादी 94 करोड़ के करीब है वह पूरी तरह वैक्सीनटेड हो जाए हैं हम उसी की तरह कोशिश कर रहे हैं.


Vaccine Century: देश में कोरोना वैक्सीन का आंकड़ा 100 करोड़ के पार, बीजेपी के कार्यकर्ता मना रहे हैं जश्न