नई दिल्ली: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोरोना की रियल टाइम पॉलीमेरेस चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) जांच के लिए निर्धारित अधिकतम 4,500 रुपये की शुल्क सीमा हटा दी है. आईसीएमआर ने कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश निजी प्रयोगशालाओं से बातचीत करके आपसी सहमति से जांच की कीमत तय कर सकते हैं.


घरेलू स्तर पर उत्पादन की वजह से स्थिति समान्य


आईसीएमआर के महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने सोमवार को राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा कि घरेलू स्तर पर उत्पादन की वजह से कोरोना जांच की किट की आपूर्ति स्थिर हो गई है. उन्होंने कहा, ‘‘इसको संज्ञान में लेते हुए और जांच वस्तुओं की कीमत को देखते हुए 17 मार्च को पत्र के जरिये जांच के लिए निर्धारित अधिकतम 4,500 रुपये की कीमत अब प्रभावी नहीं होगी.’’


राज्य सरकार खुद कीमत तय करें


भार्गव ने पत्र में कहा, ‘‘इसलिए सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को सलाह दी जाती है कि वे निजी प्रयोगशालाओं से बात करें और आपसी सहमति से सरकार की ओर से भेजे गए नमूनों और व्यक्तिगत रूप से अपनी जांच कराने के इच्छुक व्यक्ति की जांच के लिए कीमत तय करें.’’


उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की शुरुआत के दौरान जांच किट को लेकर वैश्विक मारामारी थी और भारत पूरी तरह से इसके आयात पर निर्भर था. इसे देखते हुए आईसीएमआर ने 4500 रुपये की अधिकतम जांच शुल्क तय की थी. उल्लेखनीय है कि इस समय देश में 428 सरकारी और 182 निजी प्रयोगशाला कोरोना की जांच कर रही हैं.


ये भी पढ़ें-


पाकिस्तान से आने वाला टिड्डी दल बना सिरदर्द, 35 हजार लोगों के हिस्से का अनाज पर खतरा


गृह मंत्रालय ने दी सफाई, कहा- स्कूल और कॉलेज खोलने की अभी अनुमति नहीं