Karnataka News: कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर की गई अपनी विवादित टिप्पणी पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि मैंने उन्हें पिल्ला नहीं कहा. मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया. मेरा इरादा उनका अपमान करने का नहीं था. गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर निशाना साधते हुए कहा कि बोम्मई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने एक ‘पिल्ले’ की तरह हैं.

शुक्रवार को हुबली हवाई अड्डे पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए सिद्धरमैया ने कहा कि ग्रामीण भाषा में हम जिसके सामने बोलने की हिम्मत नहीं रखते, उसे कुत्ता या बिल्ली कहते हैं. मेरा मुख्यमंत्री का अपमान करने का इरादा नहीं था. मैंने उन्हें पिल्ला नहीं कहा. मैंने कहा कि बोम्मई में राष्ट्रीय नेताओं के सामने बोलने का साहस होना चाहिए. राज्य की बेहतरी के लिए उन्हें संघ के नेताओं से निडर होकर बात करनी चाहिए. उन्हें अपनी बात रखनी चाहिए. 

ग्रामीण भाषा में आम है ये शब्द 

उन्होंने आगे कहा कि बसवराज बोम्मई ने मुझे तगारू (भेड़) और हुलिया (टाइगर जैसा) कहा हैं. क्या यह भी अपमान है? उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जानवरों और पेड़ों से तुलना आम बात है. इसे अपमान की तरह नहीं देखना चाहिए.

PM के सामने सामने कांपते हैं बोम्मई

गौरतलब है कि कर्नाटक के नेताओं की पीएम के सामने हैसियत 'पपीज' की तरह होती है, ये सब उनके सामने कांपते हैं. सिद्धारमैया ने यह भी कहा था कि 15 वें वेतन आयोग में कर्नाटक को विशेष भत्ते के रूप में 5,495 करोड़ रुपये देने की सिफारिश की गई थी, लेकिन हमारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह पैसा नहीं दिया.

आगे अयोध्या में राम मंदिर के बारे में बात करते हुए विपक्ष के नेता ने कहा कि उन्होंने इसके निर्माण का कभी विरोध नहीं किया बल्कि राजनीतिक लाभ के लिए इसके विचार का विरोध किया. हमने केवल राम मंदिर को लेकर हो रही राजनीति के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई. हम दो समुदायों के बीच की राजनीति का विरोध करते हैं. हमें राम मंदिर के निर्माण पर कोई आपत्ति नहीं है, यहां तक ​​​​कि हमने कई राम और हनुमान मंदिर भी बनाए हैं. 

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