रामनवमी के जुलूस के दौरान गुजरात में हुई हिंसा पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अगर कहीं हिंसा हो जाए तो यह किसी के लिए भी सही नहीं है. अगर हिंसा भड़कती है, तो जिम्मेदारी राज्य सरकार पर है. पिछले 20-25 वर्षों की जांच आयोग की रिपोर्ट कहती है कि अगर राज्य सरकारें नहीं चाहती हैं, तो हिंसा नहीं फैलती.


ओवैसी ने कहा कि मेरा मानना ​​है कि यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और वे कानून और व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहे. हम चाहते हैं कि गिरफ्तारियां हों और उचित जांच के साथ कार्रवाई की जाए. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अगर आपके पास आईबी रिपोर्ट थी तो आप क्यों सो रहे थे? आपको इसका पर्दाफाश करना चाहिए था, वहां पुलिसबल तैनात करना चाहिए था और हिंसा को रोकना चाहिए था. आप अपने संलिप्त व्यवहार को छिपाने के लिए शाम को कहानियां लाते हैं. ऐसी कहानियां अब पुरानी हैं.


ओवैसी ने कहा कि आप कब तक पुरानी कहानियों को सामने लाते रहेंगे? अपनी असफलता को स्वीकार करें. आप स्वयं सहभागी हैं. भजन बजना चाहिए, लेकिन किस तरह के नारे लगे? 50-100 तलवारें लहराई गईं. यह पुलिस की मौजूदगी में किया गया. सरकार हिंसा चाहती थी और मिलीभगत है.


राम नवमी पर रविवार को भड़की हिंसा और आगजनी मामले पर गुजरात पुलिस ने बुधवार को बड़ा खुलासा किया. पुलिस ने दावा कि हिंसा की पहले से प्लानिंग की गई थी. खंभात में हुई हिंसा में स्लीपर मॉड्यूल के तहत साजिश रची गई. एसपी अजित राजियाणने ने बताया कि हिंसा में 11 शामिल हैं. आरोपी विदेश में बैठे लोगों के साथ संपर्क में थे. आरोपियों ने 3 दिन बैठक करके साजिश रची थी. रजाक नाम के मौलवी ने इस हिंसा की साजिश रची थी. 11 अपराधियों से पूछताछ की जा रही है.






 


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