तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद की शाही मस्जिद के इमाम और खतीब मौलाना डॉ. अहसान बिन मोहम्मद अल्हामूमी ने ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर के मुद्दे पर शुक्रवार (26 सितंबर, 2025) को अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि 1300 नौजवानों पर इस नारे के कारण एफआईआर दर्ज की गई है. उन्होंने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे मुसलमानों के ईमान का सबूत बताया.

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मौलाना ने कहा, ‘हम मुसलमान हैं और आई लव मोहम्मद हमारे दिल, दिमाग और चेहरे पर लिखा है. यह हमारे ईमान का प्रमाण है. मैं उन 1300 नौजवानों को बधाई देता हूं, जिनके ईमान का सबूत न केवल उनके दिलों में, बल्कि एफआईआर की कॉपी में भी दर्ज है.’

शाही मस्जिद के इमाम ने पुलिस अधिकारियों से की अपील

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शाही मस्जिद के इमाम और खतीब मौलाना ने पुलिस और संबंधित अधिकारियों से अपील की कि अगर वे आई लव मोहम्मद कहने पर केस दर्ज करना चाहते हैं, तो इसे केवल 1300 नौजवानों तक सीमित न रखें, बल्कि देश के 20 करोड़ मुसलमानों पर भी यह आरोप लगाएं. उन्होंने कहा, ‘हम आई लव मोहम्मद के बिना जी नहीं सकते हैं. यह हमारी सांसों के साथ जुड़ा है. हम पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) से बेपनाह मोहब्बत करते हैं.’

जो समाज से अपराध मिटाना चाहता है, वो आई लव मोहम्मद कहेगा- मौलाना

मौलाना ने जोर देकर कहा, ‘आई लव मोहम्मद केवल मुसलमानों का नारा नहीं, बल्कि पूरी इंसानियत की जरूरत है. हर वह व्यक्ति जो औरत की इज्जत, इंसानियत, शांति और सद्भाव को महत्व देता है, वह आई लव मोहम्मद कहेगा. पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने अपनी शिक्षाओं और व्यवहार से अपराध, हत्या, व्यभिचार और अन्य बुराइयों को समाज से दूर किया. उनकी शिक्षाएं हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा हैं, जो समाज से अपराध मिटाना चाहता है.’

उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर लाखों गैर-मुस्लिमों ने भी सोशल मीडिया पर आई लव मोहम्मद ट्रेंड का समर्थन किया और बैनर थामे. मौलाना ने मुसलमानों और गैर-मुस्लिमों, दोनों को सलाम पेश करते हुए कहा कि यह नारा इंसानियत का प्रतीक है, जो सभी को एकजुट करता है.

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