Hyderabad News: हैदराबाद से एक बड़ा और स्पष्ट राजनीतिक संदेश सामने आया है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा है कि राज्य में हर व्यक्ति को अपनी पसंद के धर्म का पालन करने की पूरी आज़ादी है, लेकिन जो कोई भी धार्मिक नफरत फैलाने, दूसरे धर्मों का अपमान करने या समाज में तनाव पैदा करने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी. मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि ऐसे लोगों को कड़ी सजा देने के लिए कर्नाटक की तर्ज पर नया कानून इसी बजट सत्र में तेलंगाना विधानसभा में लाया जाएगा.
क्रिसमस समारोह में मुख्यमंत्री का संदेश
यह बयान मुख्यमंत्री ने एलबी स्टेडियम में राज्य सरकार द्वारा आयोजित भव्य क्रिसमस समारोह के दौरान दिया. इस कार्यक्रम में वे मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और ईसाई समुदाय को क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं. एलबी स्टेडियम में आयोजित आधिकारिक क्रिसमस समारोह में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने प्रभु यीशु मसीह की शिक्षाओं पर विस्तार से बात की.
उन्होंने कहा कि यीशु मसीह का संदेश, “मानव सेवा ही ईश्वर सेवा है”,आज की दुनिया के लिए बेहद जरूरी है. हमें न सिर्फ अपने चाहने वालों से, बल्कि उनसे भी प्रेम करना चाहिए जो हमसे नफरत करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इन्हीं मूल्यों से प्रेरित होकर काम कर रही है और किसी भी तरह की बाधा या दुष्प्रचार के बावजूद शांति और भाईचारे के साथ कल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ा रही है.
दिसंबर को बताया चमत्कारों का महीना
रेवंत रेड्डी ने दिसंबर महीने को खास बताते हुए कहा कि यह महीना सिर्फ ईसाई समुदाय के लिए ही नहीं, बल्कि तेलंगाना और कांग्रेस पार्टी के लिए भी “चमत्कारों का महीना” है. उन्होंने याद दिलाया कि इसी महीने सोनिया गांधी का जन्म हुआ था, जिन्होंने भारी राजनीतिक कीमत चुकाकर तेलंगाना राज्य का गठन किया.
उन्होंने कहा कि जब तेलंगाना आंदोलन के दौरान सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा रहे थे, तब सोनिया गांधी ने राज्य निर्माण का ऐतिहासिक फैसला लिया. इसके अलावा, दिसंबर में ही तेलंगाना में कांग्रेस की “लोक सरकार” बनी, जो उनके लिए गर्व की बात है.
प्रभु यीशु की शिक्षाएं सरकार की प्रेरणा
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार प्रभु यीशु की शिक्षाओं से प्रेरणा लेकर काम कर रही है. मानवता, करुणा, समानता और प्रेम यही उनके शासन की बुनियाद है. उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य सिर्फ विकास नहीं, बल्कि हर वर्ग को साथ लेकर चलना है, ताकि समाज में कोई भी खुद को उपेक्षित महसूस न करे.
इस मौके पर मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सरकार की प्रमुख कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी. उन्होंने बताया कि महिलाओं को आरटीसी बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जा रही है, जिससे उनकी रोजमर्रा की जिंदगी आसान हुई है. उन्होंने कहा कि जिन गरीब परिवारों के पास खुद का घर नहीं है, उनके लिए हजारों करोड़ रुपये की लागत से “इंदिराम्मा घर” बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा, 50 लाख परिवारों को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जा रही है, जिससे गरीबों के घरों में रोशनी पहुंची है.
स्वास्थ्य में ईसाई मिशनरियों की भूमिका की सराहना
सीएम ने बताया कि 3 करोड़ 10 लाख गरीबों को परिवार का हिस्सा मानते हुए उन्हें सन्न चावल वितरित किए जा रहे हैं. किसानों के लिए भी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है, ऋण माफी के साथ-साथ सन्न धान पर 500 रुपये का बोनस देकर खेती को एक उत्सव जैसा बना दिया गया है.
मुख्यमंत्री ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में ईसाई मिशनरियों के योगदान की खुलकर सराहना की. उन्होंने कहा कि जिस तरह पंडित जवाहरलाल नेहरू ने शिक्षा और सिंचाई को प्राथमिकता दी, उसी तरह ईसाई मिशनरियों ने गरीबों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराईं. रेवंत रेड्डी ने कहा कि मिशनरियों से किया गया काम किसी युद्ध या यज्ञ से कम नहीं है. सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उन्होंने समाज सेवा की है, जो प्रशंसा के योग्य है.
धार्मिक नफरत पर लगेगी कानूनी लगाम
मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि तेलंगाना में सांप्रदायिक सौहार्द से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. उन्होंने घोषणा की कि जो लोग धार्मिक आधार पर नफरत फैलाएंगे या दूसरे धर्मों का अपमान करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कानून बनाया जाएगा.
उन्होंने बताया कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने हाल ही में ऐसा कानून लागू किया है और अब उसी तर्ज पर तेलंगाना में भी इस बजट सत्र में कानून लाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि सरकार किसी भी हाल में धार्मिक हिंसा या नफरत को बर्दाश्त नहीं करेगी.
अल्पसंख्यकों का कल्याण दया नहीं, अधिकार है
रेवंत रेड्डी ने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाएं किसी की दया नहीं, बल्कि उनका संवैधानिक अधिकार हैं. उन्होंने भरोसा दिलाया कि ईसाई और मुस्लिम कब्रिस्तानों से जुड़ी समस्याओं को जल्द ही हल किया जाएगा.