ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर के साथ किसी भी चुनावी गठजोड़ से सोमवार को इनकार किया और उनके प्रस्तावों को ‘‘राजनीतिक रूप से संदिग्ध और वैचारिक रूप से असंगत’’ बताया. आईएमआईएम की ओर से यह बात ऐसे समय में कही गई है जब हुमायूं कबीर ने कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में एक समारोह में मस्जिद की नींव रखी थी.

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एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद असीम वकार ने कहा कि कबीर को व्यापक रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ राजनीतिक रूप से जुड़ा हुआ माना जाता है. वकार ने एक बयान में कहा, ‘‘सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के अनुसार, कबीर को अधिकारी के राजनीतिक तंत्र का हिस्सा माना जाता है. और यह सर्वविदित है कि अधिकारी भाजपा के राष्ट्रीय स्तरीय नेतृत्व के मुख्य रणनीतिक ढांचे के भीतर काम करते हैं.’’

पार्टी ने जारी कर दिया बयान, 'देश को मजबूत करने वाली ताकतों के साथ'

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उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय उकसावे से प्रेरित राजनीति का समर्थन नहीं करता. एआईएमआईएम नेता ने कहा, 'मुस्लिम समुदाय राष्ट्र निर्माण में विश्वास रखता है, उसे तोड़ने में नहीं. वह देश को मजबूत करने वाली ताकतों के साथ खड़ा है और अशांति और विभाजन पैदा करने वालों को नकारता है.’’ पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का उल्लेख करते हुए वकार ने कहा, ‘‘ओवैसी साहब की राजनीति संवैधानिक मूल्यों, शांति और सामाजिक सद्भाव पर आधारित है. वह ऐसे किसी भी व्यक्ति से नहीं जुड़ सकते जिसके कार्य एकता को खतरे में डालते हों, सामाजिक मतभेदों को गहरा करते हों या विनाश की राजनीति को बढ़ावा देते हों.’’

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उन्होंने यह भी दावा किया कि पश्चिम बंगाल के मुसलमान कबीर के हालिया कदमों के पीछे की राजनीतिक मजबूरियों से पूरी तरह वाकिफ हैं. वकार ने कहा, ‘‘लोग साफ तौर पर समझते हैं कि वह किसके इशारे पर, किस हद तक और किस मकसद से काम कर रहे हैं.’’ कबीर को पिछले सप्ताह पार्टी नेतृत्व के साथ बार-बार टकराव के बाद टीएमसी से निलंबित कर दिया गया था. उन्होंने 22 दिसंबर को एक नया राजनीतिक दल बनाने की योजना की घोषणा की है और दावा किया है कि वह एआईएमआईएम और अन्य दलों के साथ संभावित गठबंधन के लिए बातचीत कर रहे हैं. सोमवार का बयान एआईएमआईएम द्वारा इन दावों का पहला औपचारिक खंडन है.