Farmers' Land Dispute: कर्नाटक के हुबली में वक्फ बिल के संशोधन पर चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने गुरुवार ( 7 नवंबर) को किसानों से मुलाकात की. ये दौरा बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या के अनुरोध पर आयोजित किया गया था, जिसमें किसानों की शिकायतों और वक्फ संपत्ति से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की जा रही थी.

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हुबली में किसानों के बीच चल रहे विवाद ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है. हाल ही में विजयपुरा और कलबुर्गी के किसानों को प्रशासन से नोटिस मिले थे, जिसमें उनकी पुश्तैनी जमीनों को वक्फ संपत्ति बताकर दस्तावेज मांगे गए थे. इस मामले पर विवाद बढ़ने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री ने तुरंत इन नोटिसों को रद्द कर दिया. भाजपा नेताओं ने इस पर JPC अध्यक्ष से कर्नाटक आकर किसानों से मिलकर इस मुद्दे की गहन जांच करने की मांग की, जिसके बाद जगदंबिका पाल ने इस मुद्दे पर किसानों से मुलाकात की.

JPC अध्यक्ष का बयानजगदंबिका पाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा “वक्फ के दावे ने लोगों में असुरक्षा की भावना पैदा की है. इस बिल में संशोधन कर हम इसे सही करने की कोशिश करेंगे. हमारी योजना है कि इस बिल पर देशभर में आम सहमति बने और इसलिए JPC का गठन किया गया है.” उन्होंने कहा कि किसानों के मुद्दों को गंभीरता से लिया जाएगा और उनका समाधान किया जाएगा.

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राजनीतिक विवाद में कांग्रेस और विपक्ष का विरोधजगदंबिका पाल के दौरे पर कांग्रेस और विपक्षी दलों ने कड़ी आपत्ति जताई है. कांग्रेस के डिप्टी मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने कहा “ये दौरा पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है. यह दौरा किसानों के मुद्दे पर नहीं बल्कि भाजपा के राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए किया जा रहा है.” कर्नाटका के आईटी मंत्री प्रियांक खरगे ने भी इस दौरे को राजनीति का हिस्सा बताया और कहा कि जब भाजपा सत्ता में थी तब इस मुद्दे पर कुछ क्यों नहीं किया गया.

मुख्यमंत्री का बयान और AIMIM की आलोचनाकर्नाटका के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा "हमने किसानों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया है और सभी नोटिस रद्द कर दिए हैं. यह सिर्फ राजनीतिक विरोध है." वहीं AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस दौरे पर राजनीति करने का आरोप लगाया और इसे "राजनीतिक नाटक" बताया. उन्होंने कहा कि JPC की पूरी समिति का दौरा होना चाहिए न कि केवल एक भाजपा सांसद और अध्यक्ष का.

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