नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील एच एस फुल्का ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. पिछले काफी समय से एच एस फुल्का के पार्टी छोड़ने की अटकलें लग रही थीं जो आज सच साबित हुई. हालांकि आज ही खबर आई है कि आम आदमी पार्टी महागठबंधन में शामिल नहीं होगी और किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी. एच एस फुल्का कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी की नजदीकियों की खबर से नाराज़ बताए जा रहे थे लेकिन जब आज ही कांग्रेस के साथ आप के किसी तरह के गठबंधन न करने की खबर आई है, ऐसे में फुल्का का इस्तीफा देना हैरान करता है.
एच एस फुल्का ने आप से इस्तीफा देने की जानकारी ट्विटर के जरिए दी और कहा कि 'मैंने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और अपना इस्तीफा आज केजरीवाल जी को सौंप दिया है. हालांकि उन्होंने मुझसे इस्तीफा न देने के लिए कहा लेकिन मैंने जिद की. मैं कल शाम 4 बजे प्रेस क्लब रायसीना रोड पर मीडिया को इसके विषय में जानकारी दूंगा. वहीं पर अपने आम आदमी पार्टी को छोड़ने के कारण और मेरे भविष्य की योजनाओं के बारे में बताउंगा.'
1984 के सिख विरोधी दंगों में कमलनाथ के खिलाफ ठोस साक्ष्य मौजूद, अभी न्याय होना बाकी- एच एस फुल्का
एच एस फुल्का ने 13 दिसंबर 2018 को दावा किया था कि 1984 के सिख विरोधी दंगों में कांग्रेस नेता कमलनाथ की संलिप्तता के ठोस साक्ष्य हैं और उनका न्याय होना अब भी बाकी है. उस समय फूल्का ने कहा था कि 'कमलनाथ के खिलाफ बहुत सारे साक्ष्य हैं और उनके विरुद्ध न्याय चक्र का चलना अभी बाकी है. अब यह फैसला लेना राहुल गांधी (कांग्रेस अध्यक्ष) पर है कि क्या वह उस शख्स को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं जो 1984 के सिख दंगों में शामिल रहा हो.'
पंजाब: राज्य सरकार से नाखुश AAP विधायक फुल्का ने विधानसभा की सदस्यता से दिया इस्तीफा
इससे पहले 12 अक्टूबर 2018 को आप के विधायक एच एस फुल्का ने पंजाब विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने बेदअबी की घटनाओं में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और सेवानिवृत्त डीजीपी सुमेध सिंह सैनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने में राज्य सरकार की कथित नाकामी पर नाराजगी जताते हुए इस्तीफा दिया था.
AAP विधायक एच एस फुल्का की चेतावनी, अगर कांग्रेस से मिलाया हाथ तो छोड़ दूंगा पार्टी
वहीं 24 जुलाई 2018 को वरिष्ठ आप नेता और दाखा से विधायक एच एस फुल्का ने कहा था कि अगर उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ हाथ मिलाती है तो वह 'आप' को छोड़ देंगे. उन्होंने स्पष्ट किया था कि कांग्रेस के साथ किसी भी प्रकार का समझौता 1984 के सिख विरोधी दंगों के कथित अपराधियों को क्लीन चिट देने जैसा होगा. फुल्का ने उसी दिन कहा था कि 'अगर वह कांग्रेस पार्टी के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से हाथ मिलाती है तो मैं पहला व्यक्ति होऊंगा जो आम आदमी पार्टी छोड़ेगा.
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