Monsoon In India: मानसून 2022 की विदाई का समय आ चुका है. अगले कुछ दिनों में मानसून की विदाई का सिलसिला शुरू हो जाएगा. विदाई से पहले, देश के कुछ राज्यों में मानसून की आखिरी बारिश देखने को मिल सकती है. मौसम विभाग के मुताबिक, अगले दो-तीन दिनों में राजधानी दिल्ली एनसीआर, यूपी, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, बिहार समेत देश के कई राज्यों में झमाझम बारिश की संभावना है.


इस बार कैसा रहा मानसून?


इस बार का मानसून बीते कुछ सालों के मुकाबले काफी बेहतर रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक, मानसून 2022 के तहत देश में औसत रूप से 7 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज हुई है, लेकिन हैरानी की बात है उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, दिल्ली, पंजाब, त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर में कम वर्षा हुई है. इसका सीधा असर यूपी, बिहार और झारखंड की खरीफ फसलों पर पड़ सकता है. बता दें कि 19 सितंबर तक देश में 872 मिलीमीटर यानी 32 इंच से ज्यादा बारिश हुई है.


कम बारिश से खरीफ फसलों पर पड़ा बुरा असर


मौसम विभाग के अनुसार, इस बार भारत में 1 जून से लेकर 19 सितंबर तक 7 प्रतिशत अधिक बारिश हुई, लेकिन जिन राज्यों में चावल अच्छा खासा होता है, उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार सहित 8 राज्यों में कम बारिश हुई है. मानसून का असर इन राज्यों में कम दिखा और यही कारण है कि अब इस खरीफ सीजन में कृषि उत्पादन कम हो सकता है.


राजस्थान में भी हालात कुछ ऐसे ही दिख रहे हैं. राजस्थान के कुछ जिलों में तो काफी बारिश हुई, लेकिन कुछ जिले बारिश की बूंद की आस में ही रह गए. राजस्थान के झुंझुनू जिले में जुलाई के महीने में तो अच्छी बारिश हुई, लेकिन अगस्त महीने में काफी कम बारिश हुई. यही कारण है कि जिले में खरीफ की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. फसल में दाने पड़ने के समय सिंचाई के लिए पानी की जरूरत है. ऐसे समय में बारिश नहीं होने से जिले में मूंग और चंवला की फसल मुरझा गई है.


90 साल बाद हुई ऐसी बारिश


इस साल का मानसून कर्नाटक पर कहर बनकर टूटा. खासतौर से कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु बारिश के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हुई. बताया जा रहा है कि आईटी सिटी बेंगलुरु में करीब 90 साल बाद पहली बार ऐसी बारिश हुई कि बेंगलुरु बेहाल हो गया है. यहां की सड़कें जलमग्न हो चुकी गईं और लोगों की गाड़ियां भी पानी में डूबी नजर आईं. 


बेंगलुरु का आईटी हब कहा जाने वाला व्हाइट फील्ड इलाका और सिलिकॉन सिटी का ज्यादातर हिस्सा पानी में डूबा नजर आया. लोगों को बचाने के लिए नावों का इस्तेमाल करना पड़ा और कई रेस्क्यू टीमें फंसे हुए लोगों को निकालने में लगी रहीं. बाढ़ के कारण बेंगलुरु में तबाही का मंजर देखने को मिला.


दिल्ली में कैसा रहा मानसून


दिल्ली में एक जून से हुई मानसून की शुरुआत के बाद से कुल 405.3 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि सामान्य तौर इस दौरान 621.7 मिमी बारिश होती है. सफदरजंग वेधशाला ने सितंबर में अब तक केवल 52.9 मिमी बारिश दर्ज की है, जबकि सामान्य तौर पर इस दौरान 104.8 मिमी बारिश होती है. अगस्त में 41.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो पिछले 14 साल में सबसे कम थी.


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