MoA In Parliament Over DGCA: भारत सरकार के विमानन मंत्रालय ने संसद में पूछे गये एक लिखित के सवाल के जवाब में बताया, उसने इस साल एक जनवरी से 15 मार्च के बीच कुल 10 यात्रियों को उनके विभिन्न वजहों के कारण नो फ्लाई जोन में डाला है. 

अनियंत्रित यात्रियों पर नागरिक उड्डयन आवश्यकता (सीएआर) के अनुसार गठित एयरलाइंस की आंतरिक समितियों ने 2021 और 2022 में क्रमश: 66 और 63 यात्रियों को 'नो फ्लाई लिस्ट' में डाला था. जिन यात्रियों को नो फ्लाई लिस्ट में डाला गया उनमें से अधिकांश लोगों ने मास्क पहनने से इंकार कर दिया था और वह चालक दल के सदस्यों के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे थे.

राज्यसभा में क्या बोला विमानन मंत्रालय?सोमवार को नागर विमानन मंत्रालय ने सोमवार एक लिखित जवाब में बताया, बीते दिनों में डीजीसीए की जानकारी में अनियंत्रित व्यवहार की एक घटना सामने आई थी जिसमें एयरलाइन विमानन नियामक को यात्री दुर्व्यवहार की घटना की रिपोर्ट करने में विफल रही और आंतरिक समिति को घटना की सूचना देने में देरी की गई.

विमानन मंत्रालय ने अपने जवाब में बताया, वह अबतक उनके नियमों और उनके दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए अब तक 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना इस लगाया गया है ताकि सभी विमानन कंपनियों ठीक नियम कायदों का पालन करें और दैनिक ऑपरेशन में अपनी जवाबदेही भी सुनिश्चित करें. 

सीएआर में परिभाषित प्रक्रियाओं के मुताबिक एयरलाइंस को किसी भी यात्री को नो फ्लाई लिस्ट में रखने से पहले यात्रियों को जवाबदेह ठहराने के लिए एक निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा, उस प्रक्रिया में दिए कारणों का भी जिक्र करना होगा और साथ में यह भी बताना होगा कि क्या यात्री को नो फ्लाई लिस्ट में डालना अंतिम विकल्प है? एयरलाइंस की जानकारी के आधार पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) नो फ्लाई लिस्ट का रख-रखाव करता है.

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