IIT Mandi Dengue Spread: सालों तक हमें यह बताया गया कि डेंगू का मच्छर पानी में पनप सकता है, इसलिए कहीं भी पानी जमा नहीं होने देना चाहिए. क्योंकि इससे मच्छर पैदा होते हैं और आपको डेंग्यू हो सकता है. हालांकि अब इस रिसर्च में आईआईटी मंडी के वैज्ञानिकों ने इनस्टेम बेंगलुरु की मदद से यह पता लगाया है कि ये बात सिर्फ आधा सच है. क्योंकि डेंगू और जीका वायरस फैलाने वाले मच्छरों के अंडे बिना पानी के भी खुद को जीवित रख सकते हैं और उपयुक्त परिस्थितियां मिलने पर अपनी संख्या बढ़ा सकते हैं.


पीएलओएस बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मच्छर के अंडे पानी की कमी होने पर ऐसी स्थिति में प्रवेश कर जाता है जो भ्रूण को पानी की कमी से होने वाले नुकसान का सामना करने में सक्षम बनाता है. इसके अलावा, जब इनको दुबारा पानी मिल जाता है तो ये अपनी उस स्थिति में अपने ग्रोथ सर्कल को पूरा करने के लिए हाई कैलोरी लिपिड का इस्तेमाल करते हैं.


डेंगू रोकने के लिए क्या है वैज्ञानिको का तर्क?
वैज्ञानिकों ने कहा, हमारी इस रिसर्च से पता चलता है कि मच्छरों के अंडे में ही एक ऐसा तंत्र होता है जो इनको बिना पानी के भी जिंदा रखता है, और मच्छरों की यही नीति हमें एक आधार देती है कि हम इनकी संख्या पर काबू पा सकते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है, मच्छरों की आबादी और इनसे फैलने वाले रोग पर नियंत्रण किया जा सकता है. ट


इस रिसर्च पर काम कर रहे वैज्ञानिक डॉ बक्थावचालू ने कहा, मूल रूप से इस धरती पर किसी का भी जीवन पानी पर निर्भर है, पानी नहीं होने पर प्रकृति ने हर जीव को बिना उसके एक संभव समय तक खुद को जीवित रखने की खूबी दी है. मच्छरों के अंडों में भी यही खूबी है. इस रिसर्च के जरिए ऐसी तकनीकि विकसित की जा सकती है जिससे हर साल डेंगू से मरने वालों सैकड़ों मरीजों की जान बचाई जा सकेगी.


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