चंडीगढ़: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की कैबिनेट ने 'विधि विरूद्ध धर्म संपरिवर्तन अध्यादेश 2020' के मसौदे को मंजूरी दे दी है. यह तथाकथित 'लव जेहाद' पर रोक लगाने के लिए लाया गया कानून है. इसके अनुसार बलपूर्वक, झूठ बोलकर, लालच देकर, कपटपूर्ण तरीके से या विवाह के लिए धर्म परिवर्तन गैर जमानती अपराध होगा. राज्यपाल की अनुमति मिलते ही यह कानून प्रभावी हो जाएगा. यूपी सरकार के इस फैसले पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने अपनी प्रतिक्रिया देते हए कहा है कि हरियाणा भी लव जेहाद पर शीघ्र ही कानून बनाएगा.


बता दें कि हरियाणा सरकार भी यूपी की तर्ज पर जल्द जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ एक सख्त कानून बनाने की तैयारी कर रही है. गृह मंत्री अनिल विज पहले भी कई बार इसका जिक्र कर चुके हैं. यूपी की योगी सरकार के अध्यादेश पर ट्वीट करते हुए उन्होंने इस फैसले की तारीफ की. साथ ही उन्होंने योगी आदित्यनाथ जिंदाबाद भी लिखा.





यूपी में जबरन धर्म परिवर्तन पर ये है सजा का प्रावधान
अगर दबाव डालकर या झूठ बोलकर अथवा किसी अन्य कपट पूर्ण ढंग से अगर धर्म परिवर्तन कराया गया तो यह एक संज्ञेय अपराध माना जाएगा. यह गैर जमानती होगा और प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में मुकदमा चलेगा. दोष सिद्ध हुआ तो दोषी को कम से कम एक वर्ष और अधिकतम पांच वर्ष की सजा भुगतनी होगी. साथ ही कम से कम 15,000 रुपए का जुर्माना भी भरना होगा.


साथ ही अगर धर्म परिवर्तन का मामला अवयस्क महिला, अनूसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की महिला के संबंध में हुआ तो दोषी को तीन वर्ष से 10 वर्ष तक कारावास की सजा और न्यूनतम 25,000 रुपये जुर्माना अदा करना पड़ेगा.अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के सभी पहलुओं पर प्रावधान तय किए गए हैं. इसके अनुसार  धर्म परिवर्तन का इच्छुक होने पर संबंधित पक्षों को तय प्रारूप पर जिला मजिस्ट्रेट को दो माह पहले सूचना देनी होगी. इसका उल्लंघन करने पर छह माह से तीन वर्ष तक की सजा हो सकती है. इस अपराध में न्यूनतम जुर्माना 10,000 रुपये तय किया गया है.


सामूहिक धर्म परिवर्तन पर भी लगाम 
योगी सरकार ने सामूहिक धर्म परिवर्तन की घटनाओं पर लगाम लगाने के पुख्ता इंतजाम किए हैं. यूपी के नए कानून में सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में तीन से 10 वर्ष तक जेल हो सकती है और कम से कम 50,000 रुपये का जुर्माना भरना होगा.